बेंगलुरु में बड़ा साइबर फ्रॉड पकड़ा गया: फर्जी BPO कंपनी से 16 गिरफ्तार

बेंगलुरु: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से एक बड़े साइबर अपराध का खुलासा हुआ है. पुलिस ने एचएसआर लेआउट में स्थित एक फर्जी BPO फर्म पर छापा मारकर 16 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो अमेरिका, कनाडा और अन्य देशों के नागरिकों को निशाना बनाकर “डिजिटल गिरफ्तारी” नामक परिष्कृत ऑनलाइन ठगी चला रहे थे.
पुलिस के अनुसार, यह मामला 7 अक्टूबर को तब सामने आया जब उन्हें “साइबिट्स सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड” नामक कंपनी की गतिविधियों को लेकर विश्वसनीय जानकारी मिली. जांच में सामने आया कि यह कंपनी असल में साइबर धोखाधड़ी का अड्डा थी. छापेमारी के दौरान पुलिस ने कई डिजिटल उपकरण, कंप्यूटर सिस्टम और अन्य साक्ष्य जब्त किए हैं.
ऑनलाइन प्रशिक्षण देकर बना रहे थे ठग
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि कंपनी ने करीब 20 से 25 युवाओं को भर्ती कर उन्हें साइबर ठगी के लिए प्रशिक्षित किया था. आरोपियों को सिखाया गया था कि कैसे विदेशी पीड़ितों से संपर्क कर खुद को पुलिस अधिकारी या जांच एजेंसी के अफसर के रूप में पेश करना है.
“डिजिटल गिरफ्तारी” के नाम पर वसूली
ठग लोगों को यह विश्वास दिलाते थे कि उनके खिलाफ NDPS (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज) अधिनियम या मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर अपराधों की जांच चल रही है. इसके बाद वे डर का माहौल बनाकर झूठा दावा करते थे कि पीड़ितों की गिरफ्तारी टाली जा सकती है — अगर वे “सहयोग” के रूप में धनराशि हस्तांतरित करें.
अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क पर फोकस
हालांकि पुलिस ने अब तक कुल वसूली गई रकम का खुलासा नहीं किया है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि ठगी का जाल अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैला हुआ है. यह घटना दर्शाती है कि भारतीय साइबर अपराधी अब सीमाओं के पार जाकर भी लोगों को निशाना बना रहे हैं.
पुलिस की अपील
बेंगलुरु पुलिस ने कहा है कि इस घोटाले में शामिल सभी लोगों की पहचान की जा रही है और मामले की गहराई से जांच जारी है. अधिकारियों ने नागरिकों को चेतावनी दी है कि किसी भी अनजान व्यक्ति के फोन कॉल या ईमेल पर भरोसा न करें, खासकर जब वे खुद को कानून प्रवर्तन एजेंसी का अधिकारी बताएं.




