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फैक्ट चेक: लेखक तारक फ़तेह ने तालिबानियों द्वारा पाकिस्तानी सैनिक को फांसी देने का पुराना वीडियो हालिया दिनों में शेयर किया 

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फैक्ट चेक: लेखक तारक फ़तेह ने तालिबानियों द्वारा पाकिस्तानी सैनिक को फांसी देने का पुराना वीडियो हालिया दिनों में शेयर किया 

 

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है, यह वीडियो लेखक तारक फ़तेह द्वारा ट्विटर पर शेयर किया गया है। जिसे बाद में लोगों ने अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी शेयर किया है। वीडियो में कुछ नकाबपोश लोग एक व्यक्ति को बेहरहमी से फांसी पर लटकाते हुए नज़र आ रहे हैं। तारक फ़तेह ने इस वीडियो को वर्तमान में शेयर कर दावा किया है कि वीडियो में कुछ तालिबानी लोग एक पाकिस्तानी सैनिक को फांसी पर लटका रहे हैं।

वीडियो को फेसबुक पर अंग्रेजी भाषा के कैप्शन के साथ शेयर कर लिखा गया है कि,’ Taliban jihadis hang and then shoot dead a captured Pakistani soldier. As Makcolm X once said, “the chickens have come home to roost.’

हिंदी अनुवाद- ‘तालिबान जिहादी फांसी देते हैं और फिर पकड़े गए पाकिस्तानी सैनिकों को गोली मार देते हैं। जैसा कि मैल्कम एक्स ने एक बार कहा था, “मुर्गियां बसेरा करने के लिए घर आ गई हैं।’

 

 

फेसबुक का लिंक यहाँ देखें।

 

फैक्ट चेक: 

न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल वीडियो हालिया दिनों का नहीं बल्कि कई वर्ष पुराना है। 

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को देखने पर हमें इसके पुराने होने की आशंका हुई। इसलिए सच्चाई जानने के लिए हमने जांच शुरू की। इस दौरान हमने सबसे पहले वायरल वीडियो को कुछ कीफ्रेम्स में तोड़ा और फिर गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें वायरल वीडियो से मेल खाती कुछ तस्वीरें ट्विटर के Terror monitor नामक ट्विटर हैंडल पर मिलीं, जिसे अक्टूबर 11, 2015 को अपलोड किया गया था।

प्राप्त ट्वीट में तस्वीरों को अपलोड कर कैप्शन में जानकारी दी गयी थी कि टीटीपी यानी ‘Tehrik-e-Taliban Pakistan’ ने अपना बदला लेने के लिए पाकिस्तान के ISI एजेंट और पाकिस्तानी सेना के एक जवान बशीर अहमद खान को फांसी पर लटकाया

इसके बाद हमें Reuter’s नामक वेबसाइट पर एक खबरमिली जिसे अक्टूबर 05, 2015 को अपलोड किया गया था। खबर में जानकारी दी गयी थी कि पाकिस्तान तालिबान ने एक पाकिस्तानी सैनिक को फांसी पर चढ़ा कर अपना बदला लिया था। बता दें कि लेख में भी किसी पाकिस्तानी सेना के जवान ‘बशीर अहमद खान’ के फांसी पर चढ़ाए जाने की बात कही गयी है।

पड़ताल के दौरान हमें मिले तथ्यों से हमने जाना कि फेसबुक पर वायरल हो रहा वीडियो हालिया दिनों का नहीं बल्कि साल 2015 के दौरान का है, इसका वर्तमान से कोई संबंध नहीं है।