भारत-कनाडा रिश्तों में सुधार की शुरुआत, विदेश मंत्री अनीता आनंद आज भारत दौरे पर

भारत और कनाडा के बीच पिछले एक साल से जारी कूटनीतिक तनाव के बीच अब रिश्तों में सुधार के संकेत दिखाई दे रहे हैं। इसी क्रम में कनाडा की नई विदेश मंत्री अनीता आनंद रविवार से भारत दौरे पर आ रही हैं। अपनी यात्रा के दौरान वह भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ मुलाकात कर व्यापार, ऊर्जा और सुरक्षा सहयोग को लेकर चर्चा करेंगी।
यह दौरा 12 से 17 अक्तूबर तक चलेगा, जिसके दौरान आनंद सिंगापुर और चीन भी जाएंगी। भारतीय अधिकारियों के मुताबिक, इन बैठकों में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने, निवेश के नए अवसरों की तलाश और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर फोकस रहेगा।
कनाडा सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि विदेश मंत्री आनंद नई दिल्ली में जयशंकर और गोयल से मुलाकात करेंगी। इन बैठकों का मकसद दोनों देशों के बीच व्यापार विविधीकरण, ऊर्जा परिवर्तन और सुरक्षा सहयोग जैसे मुद्दों पर एक नई दिशा तय करना है। इसके अलावा, वह मुंबई में भारतीय और कनाडाई कंपनियों के प्रतिनिधियों से भी मिलेंगी, जहां निवेश और रोजगार के नए अवसरों पर चर्चा होगी।
तीन हफ्ते पहले हुई थी सुरक्षा वार्ता
अनीता आनंद का यह दौरा, कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नथाली ड्रोइन की भारत यात्रा के तीन सप्ताह बाद हो रहा है। उस दौरान उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की थी। इसी वार्ता के कुछ दिनों बाद कनाडा ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को आतंकवादी संगठन घोषित किया था, जो दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग की दिशा में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
नई सरकार के बाद रिश्तों में नरमी की उम्मीद
अनीता आनंद को हाल ही में कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की कैबिनेट में विदेश मंत्री बनाया गया है। कार्नी की पार्टी ने हाल ही में हुए आम चुनावों में जीत दर्ज की थी। अनीता आनंद इससे पहले कनाडा की रक्षा मंत्री और विज्ञान मंत्री के पदों पर भी कार्य कर चुकी हैं।
2023 में बिगड़े थे भारत-कनाडा संबंध
भारत और कनाडा के रिश्तों में दरार सितंबर 2023 में आई थी, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था। भारत ने इन आरोपों को “बेबुनियाद और गलत” बताया था। इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था, जिससे रिश्तों में काफी ठंडक आ गई थी।
अब ट्रूडो के सत्ता से बाहर होने और अनीता आनंद के विदेश मंत्री बनने के बाद रिश्तों के नए सिरे से निर्माण की उम्मीद जताई जा रही है। भारत ने भी संकेत दिए हैं कि वह कनाडा के साथ विश्वास और पारस्परिक संवेदनशीलता के आधार पर संबंधों को फिर से मजबूत करने के लिए तैयार है। अनीता आनंद की भारत यात्रा दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह वार्ता सकारात्मक रहती है, तो भारत और कनाडा के रिश्तों में पिछले साल आई कड़वाहट धीरे-धीरे खत्म हो सकती है।





