AI से नहीं कटेंगे कर्मचारी, बल्कि होंगे अधिक रचनात्मक: Google CEO सुन्दर पिचाई

तकनीकी उद्योग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर फैली नौकरियों को खतरे में डालने वाली खबरों के बीच Google के CEO सुंदर पिचाई और अन्य टेक लीडर्स ने इसे गलत बताया है। उनका कहना है कि AI का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की क्षमता बढ़ाना है, उन्हें पूरी तरह से बदलना या निकालना नहीं।
Google के टेक्नोलॉजी प्रमुख थॉमस कुरियन ने टेक न्यूज़लेटर Big Technology को दिए इंटरव्यू में कहा, “मैं मानता हूं कि इसके बीच का रास्ता जरूर है। AI कर्मचारियों की मदद करेगा, लेकिन उनकी नौकरी नहीं छीनता।” उन्होंने उदाहरण देते हुए Google के Customer Engagement Suite का ज़िक्र किया। यह AI-आधारित टूल्स का एक समूह है, जिसे ग्राहक सेवा में मदद के लिए पिछले साल लॉन्च किया गया।
कुरियन ने बताया कि शुरुआत में ग्राहकों को चिंता थी कि क्या उनके ग्राहक सेवा एजेंटों की जरूरत कम हो जाएगी। लेकिन परिणाम बताते हैं कि “लगभग किसी ने भी अपने किसी कर्मचारी को नहीं निकाला।” AI अब उन कामों को संभाल रहा है, जिन्हें ग्राहक पहले अनदेखा कर देते थे, जैसे छोटे सवाल जो किसी एजेंट को कॉल करने लायक नहीं होते।
Google CEO सुंदर पिचाई ने जून में Lex Fridman के पॉडकास्ट में भी इस दृष्टिकोण को दोहराया। उन्होंने बताया कि AI टूल्स की मदद से इंजीनियरों की उत्पादकता में लगभग 10% का बढ़ोतरी हुई है। पिचाई ने कहा कि Google अगले साल और इंजीनियर भर्ती करने की योजना बना रहा है। AI दोहराव वाले काम खत्म करेगा और इंजीनियरों को अधिक रचनात्मक काम करने की स्वतंत्रता देगा।
संख्याएं भी AI के इस सहयोगी दृष्टिकोण का समर्थन करती हैं। Alphabet के हालिया कमाई कॉल में पिचाई ने बताया कि अब Google के 30% नए कोड AI द्वारा तैयार किए जा रहे हैं, जो अक्टूबर में 25% था। Microsoft UK के CEO Darren Hardman ने भी कहा कि GitHub Copilot अब Microsoft में 40% कोड लिखता है, जिससे कंपनी ने पिछले साल तीन सालों की तुलना में ज्यादा नए प्रोडक्ट लॉन्च किए हैं। Google और अन्य बड़ी टेक कंपनियों का कहना है कि AI का उद्देश्य नौकरी खत्म करना नहीं बल्कि कर्मचारियों की क्षमता बढ़ाना और उत्पादकता बढ़ाना है। इससे इंजीनियरों और कर्मचारियों को दोहराव वाले कामों से राहत मिलती है और वे ज्यादा रचनात्मक काम कर सकते हैं।





