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फैक्ट चेक: कतर द्वारा आठ पूर्व भारतीय नौसेना सैनिकों को दी गई मौत की सजा को रद्द करने का दावा बेबुनियाद है

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कतर ने 26 अक्टूबर, 2023 को सात सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारियों और एक नाविक सहित आठ भारतीयों को मौत की सजा सुनाई थी। इनपर कतर के खिलाफ इजराइल की ओर से जासूसी करने के आरोप है। इनसब के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ एक दावा इंटरनेट पर वायरल हो रहा है जिसमें कहा गया है कि कतर ने अक्टूबर में आठ पूर्व भारतीय नौसेना सैनिकों को दी गई “मौत की सजा को रद्द कर दिया है”।

एक फेसबुक यूजर ने इसे शेयर करते हुए लिखा, “मोदी है तो मुमकिन है कतार ने 8 भारतीय (पूर्व नेवी ऑफिसर) की फांसी की सजा रद्द किया…. ये है नये भारत की विदेश नीति*। सुनलो कांग्रेसियों ये ताकत है मोदी जी में। यहां अगर कॉन्ग्रेसी PM होता तो छुड़वाना तो दूर की बात वो सोच भी नहीं सकते थे।”

फेसबुक  के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें

इसे फेसबुक और ट्विटर पर काफी शेयर किया गया।

फैक्ट चेक

न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल दावा गलत है। दरअसल मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है और क़तर ने मौत की सज़ा रद्द करने पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

वायरल वीडियो के साथ शेयर हो रहे दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने पड़ताल की। सबसे पहले हमने कीवर्ड सर्च टूल के माध्यम से खोजना शरू किया लेकिन दावे के समर्थन में कोई रिपोर्ट नहीं मिली। इसके बाद हमने कतर में विदेश मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट भी खंगाली, हालांकि हमे  दावे से जुड़ा कोई रिपोर्ट नहीं मिला।

आगे पड़ताल में हमे एक्स पर दैनिक भास्कर के पत्रकार अभिनंदन मिश्रा जोकि इस मामले को कवर कर रहे हैं उनका एक ट्वीट मिला जिसे उन्होंने 1 दिसंबर, 2023 को शेयर किया था। ट्वीट में उन्होंने कहा था कि मामले की सुनवाई 30 नवंबर, 2023 को हुई थी और पहली बार पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को अदालत में बोलने और संबोधित करने का मौका दिया गया। आभिनंदन मिश्रा ने एक और ट्वीट में कहा कि मामले में अगली सुनवाई 7 दिसंबर 2023 को है।

आगे इस मामले पर भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर का एक ट्वीट मिला जिसमे उन्होंने कहा कि सरकार अभी भी “उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के प्रयास” कर रही है।

पड़ताल के दौरान हमें 1 दिसंबर, 2023 को द हिंदू की एक समाचार रिपोर्ट भी मिली, जिसमें भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार के हवाले से कहा गया था कि भारत सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है कि जिन पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को मौत की सजा सुनाई गई है उन्हे क़तर से वापस लाया जा सके।

पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से हमें पता चला कि कतर द्वारा हाल ही में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व सैनिकों को दी गई मौत की सजा को रद्द करने वाला दावा झूठा है।