सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व बीएसएफ कांस्टेबल तेज बहादुर यादव की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव आयोग द्वारा उनके नामांकन की अस्वीकृति को चुनौती दी थी.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “हमें इस याचिका पर विचार करने का कोई अर्थ नज़र नहीं आ रहा.”
Supreme Court dismisses plea of former BSF constable & SP candidate Tej Bahadur Yadav (in file pic)against rejection of his nomination from Varanasi LS constituency. A Bench headed by CJI Gogoi dismissing the plea said, “We don’t find any merit to entertain this petition” pic.twitter.com/SjusLxv5ZC
— ANI (@ANI) May 9, 2019
1 मई को, यादव की उम्मीदवारी को रिटर्निंग अधिकारी द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था.
उनका नामांकन यह कह कर रद्द किया गया था कि वे निर्धारित समय सीमा के अंदर प्रमाण पत्र, जिसमें उन्हें यह स्पष्ट तौर पर प्रमाणित करना था कि क्या उन्हें भ्रष्टाचार या सरकार के प्रति अरुचि के लिए सेवा से बर्खास्त किया गया था या नहीं, अधिकारी को सौंपने में नाकामयाब रहे थे.
यादव की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि उनके मुवक्किल को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में भोजन के बारे में शिकायत करने के लिए परेशान किया जा रहा था.
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समाजवादी पार्टी ने 29 अप्रैल को वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ यादव को अपना उम्मीदवार बनाया था. इससे पहले, वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में थे.
प्रधान मंत्री मोदी 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से चुने गए थे, उन्होंने आप नेता अरविंद केजरीवाल को 3.37 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया था.
वाराणसी में 19 मई को आम चुनाव के अंतिम चरण में मतदान होगा. मतों की गिनती 23 मई को होगी.