आज माघ महीने की पूर्णिमा तिथि है। हमारे धर्मशास्त्रों में माघ महीने की यह पूर्णिमा तिथि बहुत महत्वपूर्ण होती है। बता दे माघ महीने के अंतिम दिन की तिथि को ही माघ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है वही इस दिन चंद्रदेव की पूजा के साथ ही साथ भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है। माघ पूर्णिमा को बत्तीसी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
माघ पूर्णिमा के दिन संत रविदास का जन्म होने के कारण संत रविदास जयंती भी इसी दिन पूरे धूम-धाम से मनाई जाती है। वही इस दिन स्नान का भी महत्व है।
क्या है स्नान का महत्व ?
इस दिन को लेकर मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दान करने वाले व्यक्ति के सारे पाप मिट जाते हैं। इसलिए माघ पूर्णिमा के दिन जो भी गंगा स्नान करता है उसको सभी तरह के पुण्य की प्राप्ति होती है। मान्यता ये भी है कि माघ पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करने से बैकुंठ की प्राप्ति होती है। दान की बात करे तो इस दिन पितरों का श्राद्ध और गरीब व्यक्तियों को दान देना चाहिए। दरअसल मान्यता है कि माघ माह में देवता पृथ्वी पर आकर मनुष्य रूप में स्नान, दान और जप करते हैं।
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माघ पूर्णिमा 2021 तिथि और शुभ मुहू्र्त-
पूर्णिमा तिथि शुरू- 15:50- 26 फरवरी 2021
पूर्णिमा तिथि खत्म- 13:45- 27 फरवरी 2021
जानें इस दिन व्रत के नियम।
इस दिन लोग लोग पवित्र नदियों के तट पर सुबह-सुबह स्नान करते हैं।
इसके बाद माघ पूर्णिमा व्रत रखते है और नियमों का पालन करते है।
आज के दिन भगवान श्री सत्यनारायण की पूजा की जाती है।
श्री सत्यनारायण भगवान विष्णु का ही एक रूप है।
सत्यनारायण की पूजा में केला पत्ता, पंचामृत, सुपारी, पान, शहद, मिष्ठान, तिल, मौलि, कुमकुम, दूर्वा का उपयोग होता है।
विष्णु पूजा पूरी होने के बाद, भक्त सत्यनारायण कथा का पाठ करते हैं।
गायत्री मंत्र ’या ओम नमो नारायण’ मंत्र का 108 बार जप की भी मनायता है।
बता दे मान्यता है कि पूर्णिमा का व्रत करने वालों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।