पटना: बिहार में विभिन्न मांगों को लेकर बुलाए गए बिहार बंद के दौरान राज्य के कई हिस्सों में हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं। प्रदर्शनकारियों ने जगह-जगह सड़कों पर जाम लगाया, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया और ट्रेनों की आवाजाही बाधित की। इस बंद के चलते राज्य भर में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
बिहार बंद के दौरान हुए प्रदर्शन और हिंसा के मामले में जन अधिकार पार्टी (जाप) के प्रमुख पप्पू यादव और उनके 200 समर्थकों के खिलाफ पटना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। बंद के दौरान राज्य के कई हिस्सों में प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम की, तोड़फोड़ की, और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। इससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।
क्या था बिहार बंद का कारण?
BPSC अभ्यर्थियों की मांगों के समर्थन में पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने रविवार को बिहार बंद कराया। बंद के दौरान पटना में उनके समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया। दुकानें जबरन बंद कराई गईं, गाड़ियों के शीशे तोड़े गए और सड़कों पर आगजनी की गई। इस हिंसा के बाद पप्पू यादव और उनके लगभग 200 समर्थकों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पटना के कोतवाली थाने में 150 और गांधी मैदान थाने में 50 लोगों पर केस दर्ज हुआ है। कई उपद्रवियों को पुलिस ने हिरासत में लेकर बाद में जमानत पर रिहा कर दिया।
एफआईआर का मामला
पटना पुलिस ने जानकारी दी कि बंद के दौरान पप्पू यादव और उनके समर्थकों ने सड़क जाम, हिंसा भड़काने और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का काम किया। एफआईआर पटना के कोतवाली थाने में दर्ज की गई है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “पप्पू यादव और उनके 200 समर्थकों के खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और शांति भंग करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।”
प्रदर्शन के दौरान हिंसा
- पटना में बंद समर्थकों ने डाक बंगला चौराहा और अन्य प्रमुख स्थानों पर सड़कें जाम कीं।
- कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई।
- सरकारी बसों और वाहनों के शीशे तोड़े गए, और ट्रेनों की आवाजाही बाधित की गई।
- पटना के अलावा मुजफ्फरपुर, गया, और दरभंगा जैसे शहरों में भी व्यापक प्रदर्शन हुए।
पप्पू यादव का बयान
एफआईआर दर्ज होने पर पप्पू यादव ने कहा, “हम जनता के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। सरकार हमारी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन हम रुकने वाले नहीं हैं। यह लड़ाई युवाओं, किसानों और गरीबों के हक के लिए है।”
उन्होंने सरकार पर जनविरोधी नीतियों का आरोप लगाया और कहा कि जनता के मुद्दों को हल करने में सरकार पूरी तरह विफल रही है।