5 नवंबर 2024, मंगलवार, यानि आज के दिन दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क या कहें तो सुपरपॉवर अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने जा रहे हैं. आज यहां राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. बता दें कि यहां ड्रेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ा मुकाबला है. इन दोनों दिग्गजों के बीच होने वाली टक्कर पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुईं हैं. लेकिन एक चीज और हैं जिसपर आपकी निगाहे भी टिकी होंगी और वह अमेरिका में होने वाले चुनाव के दिन पर.
जी हां अमेरिका में नवंबर के पहले हफ्ते के मंगलवार को ही वोट डाले जाते हैं और ऐसा पिछले 170 सालों से चला आ रहा है. तो क्या आप जानते हैं कि आखिर इसके पीछे का इतिहास क्या है…? नहीं जानते तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर इस दिन के पीछे का इतिहास क्या है.
नवंबर में मंगलवार को चुनाव कराने का इतिहास पुराना
नवंबर में पहले हफ्ते के मंगलवार को मतदान करने की परंपरा लगभग 170 साल पुरानी है. 23 जनवरी, 1845 में अमेरिकी कांग्रेस में अधिनियम पारित हुआ था, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव कराने के लिए एक समान समय की बात कही गई. अधिनियम में कहा गया है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के निर्वाचकों को प्रत्येक राज्य में नवंबर के पहले मंगलवार को नियुक्त किया जाएगा. इसका कारण 1845 से पहले के ग्रामीण अमेरिका से संबंधित है.
दरअसल उस समय, राज्यों के पास मतदान कराने के लिए 34 दिनों का समय होता था और दिसंबर के पहले बुधवार तक मतदान कराना होता था, लेकिन इससे समस्याएं पैदा हुईं. तर्क दिया गया कि जिन राज्यों ने जल्दी चुनाव कराए वह संभावित रूप से बाद में मतदान करने वाले राज्यों की राय को प्रभावित कर सकते हैं. इस समस्या से निपटने के लिए अमेरिकी कांग्रेस ने आम चुनाव कराने के लिए एक निश्चित तारीख चुनने का फैसला किया.
19वीं सदी के मध्य तक, अमेरिका के हर राज्य में अलग-अलग दिन वोटिंग हुआ करती थी, बशर्ते कि मतदान दिसंबर में इलेक्टोरल कॉलेज की बैठक से पहले करा लिया जाए. मतदान को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एक ऐसी तारीख ढूंढने की जरूरत थी जो मतदाताओं के लिए सबसे उपयुक्त हो. ओवरसीज वोट फ़ाउंडेशन संगठन के अनुसार, अधिकतर किसान दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में रहते थे, जो शहरों के पोलिंग सेंटर्स से काफी दूर थे. यानी, उन्हें वोट डालने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ता था जिससे उन्हें एक दिन लग जाता था. इस एक दिन को तय करने के लिए काफी दिमाग लगाना पड़ा. जिसके बाद रविवार इसलिए नहीं चुना जा सकता था क्योंकि ईसाई लोग उस दिन चर्च जाते थे. वहीं, शुरुआती दिनों में अमेरिका में किसानों के लिए बुधवार मार्केट का दिन था. बता दें कि पहले एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए साधन कम थे और समय भी ज्यादा लगता था.
लोग रविवार और बुधवार को यात्रा भी नहीं कर पाते, इसलिए सोमवार या गुरुवार को चुनाव रखने का विचार भी त्याग दिया गया. मंगलवार हर लिहाज से मुफीद दिन बैठ रहा था, इसलिए नवंबर महीने के पहले मंगलवार को ही मतदान कराना तय किया गया. यह बातें ध्यान में रखते हुए नवंबर का पहला मंगलवार चुनाव गया और 1875 से ये प्रथा चली आ रही है.