भारत की शिक्षा यात्रा में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उस समय दर्ज हुआ जब मिजोरम ने यूएलएलएएस (Understanding Lifelong Learning for All in Society) पहल के तहत देश का पहला पूर्ण साक्षर राज्य बनने का गौरव हासिल किया। मुख्यमंत्री ललदूहोमा ने मिजोरम विश्वविद्यालय में आयोजित एक विशेष समारोह में इस उपलब्धि की घोषणा की। इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी और मिजोरम के शिक्षा मंत्री डॉ. वानललथलाना भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ललदूहोमा ने इस उपलब्धि को मिजोरम की जनता की सामूहिक इच्छाशक्ति और मेहनत का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि यह केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि बदलाव का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह सफलता उन 1,692 नागरिकों के समर्पण की वजह से भी संभव हुई, जिन्होंने पहले शिक्षा से वंचित रहकर भी बाद में पढ़ने की दृढ़ इच्छा दिखाई।
उन्होंने कहा, “यह किसी अभियान का अंत नहीं, बल्कि अवसरों और समावेशन से भरे नए युग की शुरुआत है।” उन्होंने राज्यवासियों से डिजिटल, वित्तीय और उद्यमिता साक्षरता की ओर बढ़ने का आह्वान किया। केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने मिजोरम की इस उपलब्धि को देश के लिए गर्व की बात बताया और इस अभियान से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मिजोरम अब शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में देश के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभाएगा।
“As we celebrate this achievement, we also renew our commitment to sustaining literacy through continuous education, digital access, and vocational skill training”
“Let us now aim higher: digital literacy, financial literacy, and entrepreneurial skill for all Mizos”
– CM pic.twitter.com/8aPNdenGJ4
— CM Office Mizoram (@CMOMizoram) May 20, 2025
मिजोरम को यह मान्यता शिक्षा मंत्रालय की यूएलएलएएस पहल के अंतर्गत मिली है, जिसमें 95% से अधिक साक्षरता दर को पूर्ण साक्षरता माना गया है। आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS 2023–2024) के अनुसार, राज्य की साक्षरता दर 98.2% पहुंच चुकी है—जिसमें पुरुषों में 99.2% और महिलाओं में 97% साक्षरता दर्ज की गई है।
यह उपलब्धि राज्य सरकार के समग्र शिक्षा अभियान और नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत निरंतर प्रयासों का परिणाम है। इस अभियान के तहत राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण ने एक गवर्निंग काउंसिल और कार्यकारी समिति का गठन किया। एससीईआरटी के अंतर्गत एक राज्य साक्षरता केंद्र की स्थापना की गई, जहां मिजो भाषा और अंग्रेज़ी में शिक्षण सामग्री विकसित की गई।
सर्वेक्षण के दौरान क्लस्टर रिसोर्स सेंटर समन्वयकों (CRC) ने 3,026 निरक्षरों की पहचान की, जिनमें से 1,692 लोगों ने साक्षर बनने की इच्छा जताई। इसके लिए 292 स्वयंसेवी शिक्षकों की मदद से स्कूलों, सामुदायिक भवनों और घरों में नियमित कक्षाएँ चलाई गईं। इस उल्लेखनीय सफलता के साथ मिजोरम अब भारत का पहला राज्य बन गया है जिसे यूएलएलएएस के मानकों के अनुसार ‘पूर्ण साक्षर राज्य’ घोषित किया गया है।
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