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UNSC में भारत का कड़ा संदेश: समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद से निपटना राष्ट्रीय प्राथमिकता

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भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कहा है कि समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई उसके राष्ट्रीय हितों और सुरक्षा के लिए बेहद अहम है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बदलते हालात और खतरों को देखते हुए भारत लगातार अपनी रणनीति को आधुनिक बना रहा है।

भारत के संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने यह बात मंगलवार को यूएनएससी की एक उच्च-स्तरीय खुली बहस के दौरान कही। यह बैठक “अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए समुद्री सहयोग को मजबूत करना” विषय पर आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस ने की। राजदूत पी. हरीश ने बताया कि भारत के पास लंबा समुद्री तट, मजबूत नौसेना और समुद्री समुदाय है, जिससे वह एक जिम्मेदार समुद्री ताकत के रूप में उभर रहा है। भारत की रणनीति पारंपरिक (जैसे सैन्य खतरे) और गैर-पारंपरिक (जैसे ड्रग तस्करी, समुद्री डकैती, अवैध मछली पकड़ना, आतंकवाद) खतरों से निपटने पर केंद्रित है।

उन्होंने कहा कि भारत ‘यूएन समुद्री कानून संधि (UNCLOS)’ के नियमों का पालन करते हुए एक मुक्त, खुली और नियम आधारित समुद्री व्यवस्था को बढ़ावा दे रहा है। साथ ही समुद्री क्षमता निर्माण, सुरक्षा और प्रशासन को भी मजबूत किया जा रहा है। राजदूत हरीश ने यह भी बताया कि भारत की आर्थिक प्रगति का बड़ा हिस्सा समुद्र से जुड़े व्यापारिक मार्गों, ऊर्जा आपूर्ति और रणनीतिक हितों पर निर्भर है। इसलिए भारत घरेलू ढांचे, रक्षा, कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के संतुलन के साथ काम कर रहा है।

उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2021 में यूएनएससी की एक बहस में समुद्री सुरक्षा के पांच मूलभूत सिद्धांत पेश किए थे, जिनमें शामिल हैं:

वैध समुद्री व्यापार में रुकावटें दूर करना

अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत विवादों का शांतिपूर्ण समाधान

प्राकृतिक आपदाओं और गैर-राज्यीय खतरों से मिलकर निपटना

समुद्री पर्यावरण और संसाधनों का संरक्षण

जिम्मेदार और पारदर्शी समुद्री संपर्क को बढ़ावा देना

इस बहस में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी चेतावनी दी कि 2025 की पहली तिमाही में समुद्री हमलों में 47.5% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। एशिया में मलक्का और सिंगापुर की खाड़ियों में घटनाएं दोगुनी हो चुकी हैं। रेड सी और गल्फ ऑफ एडन में हूती विद्रोहियों के हमले वैश्विक व्यापार को प्रभावित कर रहे हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि अफगान हेरोइन भारतीय महासागर के रास्ते पूर्वी अफ्रीका पहुंच रही है, जबकि कोकीन अटलांटिक के जरिए यूरोप तक पहुंच रही है। इसके साथ ही साइबर हमले बंदरगाहों और शिपिंग कंपनियों के लिए नए खतरे के रूप में उभर रहे हैं।

भारत ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर समुद्री सुरक्षा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से इस चुनौती से निपटने का आह्वान किया है। साथ ही बदलते क्षेत्रीय परिदृश्य को देखते हुए अपनी रणनीति को समय के अनुसार ढालने पर जोर दिया है।

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