भारत को जल्द ही पहली सीजेआई यानी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया मिल सकती है। ऐसी उम्मीद इसलिए जगी है क्योंकि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा भेज गए सभी नौ नामों को मंजूरी दे दी है। ख़ास बात यह भी है कि स्वीकृत नामों में तीन महिला जज भी हैं। अब कहा जा रहा है कि इनमें शामिल जस्टिस नागरत्ना 2027 में देश की पहली महिला CJI बन सकती हैं।
किन नामों की हुई है सिफारिश ?
कॉलेजियम ने जिन नामों की सिफारिश की है, उनमें कर्नाटक हाई कोर्ट की जस्टिस बीवी नागारत्ना, तेलंगाना हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश हिमा कोहली, गुजरात हाईकोर्ट की जस्टिस बेला त्रिवेदी भी हैं। इसके अलावा कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका, गुजरात हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ, सिक्किम हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जितेंद्र कुमार माहेश्वरी , सीटी रविकुमार (केरल हाई कोर्ट में न्यायाधीश) और एमएम सुंदरेश (केरल हाई कोर्ट में न्यायाधीश) शामिल हैं।
कौन है जस्टिस नागारात्ना जो बन सकती है भारत की पहली महिला चीफ जस्टिस।
30 अक्टूबर 1962 को कर्नाटक में जन्मीं जस्टिस नागरत्ना पूर्व CJI ई. एस वेंकटरमैया की बेटी हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बैंगलुरू से की थी। दरअसल जस्टिस नागरत्ना ने 28 अक्टूबर 1987 को बेंगलुरु में कर्नाटक बार काउंसिल में दाखिला लिया था। फिर उन्हें 18 फरवरी 2008 को कर्नाटक उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश भी नियुक्त किया गया और दो साल बाद स्थायी न्यायाधीश बनाया गया था। इधर लिस्ट में शामिल दो अन्य महिला जजों के नाम हैं – जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस बेला त्रिवेदी।
बता दे मौजूदा समय में सुप्रीम कोर्ट में 24 न्यायाधीश हैं। नौ जजों की नियुक्ति के बाद भी शीर्ष न्यायालय में एक पद खाली रहेगा।