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फैक्ट चेक: क्या इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी में 12वीं तक के छात्रों के लिए स्कूल बंद रखने का दिया आदेश ? यहाँ जानें सच

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एक टीवी चैनल के ब्रेकिंग न्यूज का स्क्रीनग्रैब यानी स्क्रीनशॉट की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। इस स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कक्षा 1-12 तक के छात्रों के लिए उत्तर प्रदेश में स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है।

वायरल स्क्रीनग्रैब पर हिंदी में लिखा है: “12वीं तक विद्यालय किया जाए बंद इलाहाबाद हाई कोर्ट, BREAKING NEWS यूपी में 1 से 12 तक विद्यालय होंगे बंद- इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला, संक्रमण से 70 बच्चों की मौत.

पोस्ट का लिंक यहां देखा जा सकता है। इसी तरह के पोस्ट यहां, यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं।

फैक्ट चेक:

न्यूज़मोबाइल ने इस दावे का फ़ैक्ट-चेक किया और पाया कि यह दावा फ़र्ज़ी है।

जब हमने ‘इलाहाबाद HC, स्कूल बंद’ कीवर्ड के साथ खोज की तब हमे 1 सितंबर, 2021 को ‘फैक्ट्स विद अमित पाठक’ नाम के एक चैनल पर प्रकाशित एक YouTube वीडियो मिला। वीडियो में वही थंबनेल इमेज है जो वायरल हो रही है। पोस्ट को इस कैप्शन के साथ साझा किया गया था जिसमें लिखा था, “स्कूल बंद 1 से 12 इलाहाबाद उच्च न्यायालय। स्कूल बंद 1 से 12 तक।”

वीडियो में, व्यक्ति समाचार चैनल एबीपी गंगा को सूचना के स्रोत के रूप में उद्धृत करता है। हमने एबीपी गंगा रिपोर्ट की जांच की। 31 अगस्त, 2021 को, एबीपी गंगा ने बताया था कि लोग COVID-19 की प्रत्याशित तीसरी लहर के डर से स्कूलों को फिर से खोलने के खिलाफ अपील कर रहे हैं। एबीपी गंगा ने 1 सितंबर को बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें कोरोनोवायरस महामारी के कारण स्कूलों को बंद करने की अपील की गई थी।

हमने आगे विभिन्न कीवर्ड के साथ खोज की लेकिन हमे ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली जो यह सुझाव दे रही हो कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्कूलों को बंद करने का निर्देश दिया है।

हालाँकि, हमें नवभारत टाइम्स द्वारा 31 अगस्त, 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें कोरोनोवायरस महामारी की तीसरी लहर को देखते हुए स्कूलों को बंद करने की मांग की गई थी। 1 सितंबर, 2021 से स्कूलों को फिर से खोलने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की गई थी।

इस बीच, उत्तर प्रदेश में मिस्ट्री फीवर से लोगों के मरने की भी खबरें हैं जिनमें ज्यादातर बच्चे शामिल हैं। न्यूज़वीक द्वारा प्रकाशित एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि मिस्ट्री फीवर के कारण बच्चों सहित प्रदेश में 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई।

इसलिए, हम यह दावा सकते हैं कि यूपी के स्कूलों को बंद करने का दावा फर्जी है। हालांकि मिस्ट्री फीवर ने बच्चों समेत कई लोगों की जान इस प्रदेश में ले ली है।

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