कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए कई दवाओं और ड्रग्स का इस्तेमाल भारत कर रहा है लेकिन अब इसी जंग में एक और हथियार भारत को मिल गया है। ख़ास बात ये है की भारत का ये हथियार यानी ‘2DG दवा’ भारत ने खुद बना कर तैयार किया है। आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ की ओर से तैयार की गई कोरोना वैक्सीन 2DG को हेल्थ मिनिस्टर डॉ. हर्षवर्धन को सौंपा। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री की ओर से इस दवा को एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया को सौंपा गया। दवा को रिलीज किए जाने के मौके पर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि डीआरडीओ के सहयोग और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की लीडरशिप में इस वैक्सीन को तैयार किया गया है। यह भारत की पहली पूर्ण स्वदेशी वैक्सीन हो सकती है, जो कोरोना संकट से निपटने में मदद करेगी।
The first batch of anti Covid-19 drug, 2-DG is being released. Sharing my thoughts on the occasion. https://t.co/1dAM91jttg
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) May 17, 2021
मरीज होंगे जल्द रिकवर, ऑक्सीजन की जरूरत भी होगी कम।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इस वैक्सीन के जरिए कोरोना से रिकवरी का टाइम कम होगा। इसके अलावा ऑक्सीजन पर निर्भरता भी कम होगी। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इस दवा से भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में कोरोना से जंग लड़ने में मदद मिलेगी। हर्षवर्धन ने कहा, ‘इस दवा से सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि आने वाले दिनों में पूरी दुनिया में कोरोना से निपटने में मदद मिलेगी। मैं डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को इसके लिए शुभकामनाएं और धन्यवाद देता हूं।’ स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमने देखा है कि पीएम नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में डीआरडीओ ने कोरोना से जंग में अहम भूमिका अदा की है।
DRDO एवं DRL द्वारा तैयार की गई, 2-deoxy-D-glucose (2-DG) ड्रग कोविड में प्रभावकारी सिद्ध होगी। यह हमारे देश के scientific prowess का एक बड़ा उदाहरण है।
इसके लिए मैं DRDO, और इस ड्रग की R&D से जुड़ी सभी संस्थाओं को अपनी ओर से बधाई और शुभकामनाएं देता हूँ: रक्षा मंत्री
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) May 17, 2021
इस ड्रग के बारे में मैं कहूँगा कि यह आशा और उम्मीद की एक नई किरण है।
लेकिन अभी हमें निश्चिंत होने की जरूरत नहीं है, और न ही थकने, और थमने की जरूरत है। क्योंकि यह wave दूसरी बार आई है, और आगे भी इस बारे में कुछ निश्चित नहीं है। हमें पूरी सतर्कता के साथ कदम आगे बढ़ाने होंगे: RM
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) May 17, 2021
मुझे बताया गया, कि इसके प्रयोग से सामान्य उपचार की अपेक्षा लोग ढाई दिन जल्दी ठीक हुए हैं। साथ ही ऑक्सीजन dependency भी लगभग 40 फ़ीसदी तक कम देखने को मिली है। इसका पाउडर फॉर्म में होना भी इसकी एक बड़ी खासियत है। इसे ORS घोल की तरह इसका इस्तेमाल लोग बड़ी आसानी से कर सकेंगे: RM
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) May 17, 2021
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2DG दवा : जानें किसने बनाया है इसे और कौन करेगा उत्पादन?
2डीजी को डिफेंस रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) के इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन ऐंड अलाइड साइंसेज (INMAS) ने विकसित किया है। इसमें हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरी (DRL) के रिसर्चर्स का भी योगदान है। DRL ही आम जनता के लिए इस दवा को बनाएगी। यह दवा एक पाउडर के रूप में उपलब्ध होगी।
An anti-COVID-19 therapeutic application of the drug 2-deoxy-D-glucose (2-DG) has been developed by INMAS, a lab of DRDO, in collaboration with Dr Reddy’s Laboratories, Hyderabad. The drug will help in faster recovery of Covid-19 patients. https://t.co/HBKdAnZCCP pic.twitter.com/8D6TDdcoI7
— DRDO (@DRDO_India) May 8, 2021
पिछले साल जब भारत में कोविड-19 की पहली लहर की शुरुआत हुई थी, तभी से INMAS के वैज्ञानिकों ने इसपर काम शुरू कर दिया था। मई 2020 में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने इस दवा के कोविड मरीजों पर फेज 2 ट्रायल की मंजूरी दे दी। यह ट्रायल अक्टूबर तक चले। ट्रायल में सामने आया कि दवा कोविड मरीजों के लिए सेफ है और रिकवरी में भी मदद करती है। नतीजों के बाद DCGI ने नवंबर 2020 में फेज 3 ट्रायल की मंजूरी दी। आखिरकार ट्रायल डेटा के आधार पर 9 मई 2021 को DCGI ने इस दवा के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दे दी।
बता दें कि 2-DG दवा की 10 हजार खुराक की पहली खेप आज लॉन्च की गई है। इधर INMAS के वैज्ञानिक डॉ. सुधीर चंदना का कहना है कि यह दवा एक सैशे के रूप में उपलब्ध होगी। जैसे आप ORS को पानी में घोलकर पीते हैं, वैसे ही इसे भी पानी में मिलाकर ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह दवा दिन में दो बार लेनी होगी। कोविड-19 मरीजों को पूरी तरह ठीक होने के लिए 5 से 7 दिन तक यह दवा देनी पड़ सकती है।
क्या है कीमतों को लेकर कयास।
कीमत को लेकर अभी कुछ नहीं कहा गया है। डॉ. चंदना के अनुसार, इस बारे में कोई फैसला डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरी ही करेगी। हालांकि उन्होंने यह जरूरी कहा कि दवा किफायती हो, इसका ध्यान रखा जाएगा। फिलहाल सूत्रों के मुताबिक, एक सैशे की कीमत 500 से 600 रुपये के बीच हो सकती है।