बदायूं की जामा मस्जिद में नीलकंठ मंदिर होने का दावा, 10 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
उत्तर प्रदेश में संभल के बाद अब बदायूं की जामा मस्जिद पर विवाद खड़ा हो गया है। अब यहाँ मस्जिद को नीलकंठ महादेव मंदिर का बताकर कोर्ट में वाद दायर की गयी। इस मामले को लेकर कोर्ट में आज यानी मंगलवार को बहस हुई। अदालत ने स्वीकार किया है कि याचिका सुनवाई योग्य है और अब 10 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी।
बदायूं में शम्सी शाही मस्जिद के खिलाफ याचिका पर अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 3, 2024
बता दें कि यह मामला तब शुरू हुआ जब हिंदू महासभा के मुकेश पटेल ने दावा किया है कि कुतुबुद्दीन ऐबक के समय में यहां मंदिर था। तब इसे तोड़कर मस्जिद बनाया गया। 1875 से 1978 तक के गजट में इसके प्रमाण मौजूद हैं। अभी इंतजामिया कमेटी की तरफ से बहस चल रही है। इसके खत्म होने के बाद उनकी तरफ से अधिवक्ता अपना पक्ष रखेंगे।
दावा किया गया है कि आज भी मूर्तियां हैं, पुराने खंभे हैं, नीचे सुरंग हैं। पूर्व में यहां पास में तालाब हुआ करता था। जब मुस्लिम आक्रांता आए तो मंदिर तोड़ा गया। कहा यह भी जाता है कि इस मंदिर के शिवलिंग को फेंक दिया गया था, जिसे दो संतों द्वारा उठाकर थोड़ी दूर एक मंदिर में लाकर स्थापित कर दिया गया, जिसकी आज भी मंदिर में पूजा होती है।
इस मामले को लेकर यूपी की एक अदालत ने बदायूं में शम्सी शाही मस्जिद के खिलाफ याचिका स्वीकार कर ली है। वकील विवेक रेंडर ने इसकी जानकारी दी है। याचिकाकर्ता के वकील विवेक रेंडर ने कहा कि याचिका 2022 में यूपी कोर्ट के समक्ष दायर की गई थी और अदालत ने स्वीकार किया है कि याचिका सुनवाई योग्य है। याचिकाकर्ता के वकील विवेक रेंडर ने कहा कि याचिका 2022 में यूपी कोर्ट के समक्ष दायर की गई थी और अदालत ने स्वीकार किया है कि याचिका सुनवाई योग्य है।