पीडीपी प्रमुख और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पीडीपी के 20वें स्थापना दिवस पर श्रीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान आर्टिकल 35 A को लेकर बड़ा बयान दिया है.
उन्होंने कहा कि 35ए के साथ छेड़छाड़ करना बारूद को हाथ लगाने के बराबर साबित होगा.
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वह राज्य को बचाने के लिए लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं और कश्मीर के लोगों की सुरक्षा की खातिर वे अंतिम सांस तक लडती रहेंगी.
उन्होंने कहा,”35 ए के साथ छेड़छाड़ करना बारूद को हाथ लगाने के बराबर होगा. जो हाथ 35 ए के साथ छेड़छाड़ करने के लिए उठेंगे वो हाथ ही नहीं बल्कि वो सारा जिस्म जलकर राख हो जाएगा.”
Former J&K CM and PDP leader, Mehbooba Mufti, in Srinagar: 35A ke saath chhedd chhadd karna baarood ko haath lagaane ke baraabar hoga. Jo haath 35A ke saath chhedd chaadd karne ke liye uthenge wo haath hi nahi wo saara jism jal ke raakh ho jaega. #JammuAndKashmir pic.twitter.com/mKIU9Vmexw
— ANI (@ANI) July 28, 2019
पीडीपी प्रमुख ने 35 ए के खात्मे का विरोध करते हुए कहा, ‘अपने पास जो है उसे कश्मीरियों को रक्षा करनी चाहिए. हमारे पास संविधान है, हमारे पास ऐसा दर्जा है जिससे बाहरी लोग यहां प्रॉपर्टी नहीं खरीद सकते. आज हालत ऐसी है कि घाटी में डर का माहौल है, जम्मू कश्मीर बैंक को समाप्त कर दिया गया. धीरे धीरे वे सबकुछ खत्म करना चाहते हैं. उमर कहते हैं कि दिल्ली को 35ए में दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए बल्कि सुप्रीम कोर्ट को यह मामला देखना चाहिए. हम दिल्ली से कहना चाहते हैं कि 35ए से छेड़छाड़ बारूद को छूने जैसा है.’
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उन्होंने आगे कहा,’हमें एक बड़ी लड़ाई के लिए तैयार रहने की जरूरत है. चुनाव आते हैं और चले जाते हैं लेकिन असली लड़ाई जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के लिए लड़ना है. हम राज्य की स्थिति को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे.’
महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘हमने उनसे (केंद्र सरकार) कहा कि दिनेश्वर शर्मा को मध्यस्थ बनाया जाए. हमने रमजान में संघर्ष विराम सुनिश्चित कराया. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. हमें अच्छे रिजल्ट की उम्मीद थी लेकिन दूसरे पक्ष से ऐसा कुछ नहीं हुआ. ट्रंप कहते हैं कि कश्मीर समस्या का समाधान निकलेगा, इसलिए इमरान खान और नरेंद्र मोदी भी कह रहे हैं. मुफ्ती सईद भी अमन चैन और वार्ता चाहते थे.’
इससे पहले शनिवार को जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों की अतिरिक्त तैनाती को लेकर भी महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार की आलोचना की थी. महबूबा ने कहा, ‘यह एक राजनीतिक समस्या है, जिसे सैन्य तरीकों से हल नहीं किया जा सकता है. केंद्र को अपनी कश्मीर नीति पर पुनर्विचार और उसे दुरुस्त करना होगा.’
Centre’s decision to deploy additional 10,000 troops to the valley has created fear psychosis amongst people. There is no dearth of security forces in Kashmir. J&K is a political problem which won’t be solved by military means. GOI needs to rethink & overhaul its policy.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) July 27, 2019