देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर चिंता जताते हुए 49 मशहूर हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ओपन लेटर लिखा था, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मॉब लिंचिंग पर सख्त कानून बनाने की अपील की थी.
मशहूर डायरेक्टर शेखर कपूर ने इसके खिलाफ ट्विटर पर लिख दिया, जिसे देखकर मशहूर गीतकार जावेद अख्तर काफी भड़क उठे और कपूर को मनोरोगी तक कह डाला.
दरअसल शेखर कपूर ने शनिवार को ट्वीट करते हुए लिखा था कि उन्हें इस देश में रिफ्यूजी जैसा महसूस होता है और उन्हें यहां के बुद्धिजीवियों से डर लगता है.
‘बंटवारे के बाद एक रिफ्यूजी की तरह जिंदगी की शुरुआत की थी. माता-पिता ने बच्चों की जिंदगी बनाने के लिए सबकुछ दे दिया. हमेशा से बुद्धिजीवियों से डरता रहा. उन्होंने मुझे हमेशा छोटा महसूस करवाया. फिर अचानक से मेरी फिल्मों के बाद मुझे गले लगा लिया. मुझे आज भी उनसे डर लगता है. उनका गला सांप के काटने जैसा है. आज भी रिफ्यूजी जैसा हूं.’
Started life as refugee of Partition. Parents gave everything to make a life for kids. Was always in fear of ‘intellectuals’. They made me feel insignicant. Small. Then suddenly embraced me after my films. I still fear them. Their embrace is like a bite of snake. Still a refugee.
— Shekhar Kapur (@shekharkapur) July 27, 2019
शेखर कपूर के इस ट्वीट पर जावेद अख्तर बिगड़ गए और जवाब में ट्वीट कर दिया. उन्होंने लिखा,”अभी भी रिफ्यूजी होने से आपका क्या मतलब है. क्या इसका यह मतलब है कि आप अभी भी खुद को भारतीय नहीं बल्कि बाहर का महसूस करते हैं और आपको ऐसा लगता कि यह आपकी मातृभूमि नहीं है. अगर आपको भारत में भी रिफ्यूजी जैसा महसूस होता है तो कहां आप खुद को रिफ्यूजी महसूस नहीं करेंगे, पाकिस्तान में? बेचारे अमीर लेकिन अकेले आदमी, यह ड्रामा बंद कीजिए.’
Started life as refugee of Partition. Parents gave everything to make a life for kids. Was always in fear of ‘intellectuals’. They made me feel insignicant. Small. Then suddenly embraced me after my films. I still fear them. Their embrace is like a bite of snake. Still a refugee.
— Shekhar Kapur (@shekharkapur) July 27, 2019
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जावेद अख्तर यहीं नहीं रुके. एक और ट्वीट करते हुए उन्होंने शेखर के बयान की कड़ी निंदा की. उन्होंने लिखा,वो कौन से बुद्धिजीवी हैं जिन्होंने आपको गले लगाया और आपको वो सांप के काटने जैसा लगा? श्याम बेनेगल, आदूर गोपाल कृष्णा (अदूर गोपालकृष्णन), राम चंद्र गुहा? सच में? शेखर साहब आप ठीक नहीं है. आपको मदद की जरूरत है. इस बात में कोई शर्म नहीं है जाइये किसी मनोचिकित्सक से मिल लीजिए.’
Started life as refugee of Partition. Parents gave everything to make a life for kids. Was always in fear of ‘intellectuals’. They made me feel insignicant. Small. Then suddenly embraced me after my films. I still fear them. Their embrace is like a bite of snake. Still a refugee.
— Shekhar Kapur (@shekharkapur) July 27, 2019
जावेद ने आगे लिखा, ‘आप अपने आप को बीते कल से निष्पक्ष और आने वाले से निर्भय बताते हैं. कहते हैं कि आप आज में जीते हैं और वहीं आप कह रहे हैं कि आपको बंटवारे के बाद रिफ्यूजी जैसा लग रहा है और आप आज भी रिफ्यूजी हैं. इन दोनों बातों में फर्क देखने के लिए किसी को ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है.’
Started life as refugee of Partition. Parents gave everything to make a life for kids. Was always in fear of ‘intellectuals’. They made me feel insignicant. Small. Then suddenly embraced me after my films. I still fear them. Their embrace is like a bite of snake. Still a refugee.
— Shekhar Kapur (@shekharkapur) July 27, 2019
बता दें कि 49 हस्तियों के लेटर के जवाब में जानी-मानी 61 हस्तियों ने भी एक ओपन लेटर शुक्रवार को जारी किया था. इन हस्तियों ने पीएम को लिखे गए पत्र को सिलेक्टिव गुस्सा और गलत नैरेटिव सेट करने की कोशिश करने वाला बताया था. खुला पत्र लिखने वाली हस्तियों में अभिनेत्री कंगना रनौत, लेखक प्रसून जोशी, क्लासिकल डांसर और सांसद सोनल मानसिंह भी शामिल थे.