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फैक्ट चेक: दल खालसा के कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन का पुराना वीडियो अभी का बताकर हुआ वायरल

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भारत में सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक, खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून 2023 की शाम कनाडा में एक गुरुद्वारे के परिसर में दो अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। हाल ही में कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या में भूमिका निभाने का आरोप लगाया। इसके बाद से भारत और फ्रांस के रिश्तो में तनाव की इस्तिथि बनी हुई है।

इनसब से जोड़ कर इंटरनेट पे एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे सिख समुदाय के कुछ लोगो को प्रदर्शन करते हुए और उन्हें पुलिस द्वारा अरेस्ट करते हुए दिखाया गया। साथ ही कुछ लोगों को खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाते भी देखा जा सकता है। इस वीडियो को शेयर करते हुए लोगो ने दावा किया की  कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के जवाब में अमृतसर में रॉ कार्यालय के बाहर लोगो ने विरोध प्रदर्शन किया और सिख समुदाय के लोगो ने खालिस्तान समर्थन में नारे लगाए।

एक फेसबुक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की दुखद हत्या के जवाब में अमृतसर में रॉ कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। सिख जोश के साथ #खालिस्तान के समर्थन में नारे लगा रहे हैं।”

फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें।

इसे फेसबुक और ट्विटर पर काफी शेयर किया गया।

फैक्ट चेक

न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल दावा भ्रामक है। दरअसल वीडियो तीन महीने पुराना है

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने पड़ताल की। पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले रिवर्स सर्च के साथ कुछ कीवर्ड की मदद से खोजा। इस दौरान हमे यह वीडियो हमे टीवी84 नाम के यूट्यूब चैनल पे मिली जिसे की जुलाई २०२३ में अपलोड किया गया था। वीडियो का शीर्षक है, “दल खालसा नेता गिरफ्तार | सिख नेताओं की हत्या के खिलाफ रॉ कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन।” इससे ये साबित होता है की वीडियो अभी का नहीं बल्कि ३ महीने पुराना है।

आगे पड़ताल में हमे इस घटना से जुडी ट्रिब्यून की जुलाई 1 की रिपोर्ट मिली।  रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने दल खालसा के कार्यकर्ताओं को शनिवार को यहां हिरासत में ले लिया, जो विदेशों में सिख अलगाववादियों की हत्याओं के विरोध में भारत की बाहरी खुफिया एजेंसी रॉ के स्थानीय कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मार्च निकाल रहे थे। इससे पहले कार्यकर्ताओं ने स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने के बाद एजेंसी के कार्यालय की ओर मार्च करना शुरू कर दिया. हालांकि, जब वे केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे तो पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक लिया और बसों में बिठा लिया। पुलिस उन्हें छेहरटा थाने ले गई, जहां से बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।

हमारी पड़ताल में हमने पाया की वीडियो जुलाई 2021 का है जिसे अभी का बता कर शेयर किया जा रहा है।  हालाँकि ये बात भी सच की कुछ समूह ने कनाडा के प्रधान मंत्री का बयां आने के बाद जगह जगह प्रदर्शन किया है।