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आर्थिक संकट से गुजर रही श्रीलंका, नहीं चुका पाएगी 51 अरब डॉलर विदेशी कर्ज

आपातकाल : फाइल फोटो
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श्रीलंका: आजादी के बाद से अबतक के सबसे बड़े आर्थिक संकट से गुजर रही श्रीलंका की परेशानियां दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है. बीते दिनों राष्ट्रपति के घर पर हमला होने और फिर आपातकाल लगाए जाने जैसी परेशानियों के बाद अब श्रीलंका ने मंगलवार को खुद को दिवालिया घोषित कर दिया है. श्रीलंका ने ऐलान किया कि वह अंतर्रराष्ट्रीय मुद्रा कोष से बकाया कर्ज जो कि 51 अरब डॉलर है उसे चुका नहीं पाएगा.

 

वित्त मंत्रालय ने कहा है कि दक्षिण एशियाई देश श्रीलंका को कर्ज देने वाले और विदेशी सरकारें मंगलवार दोपहार से कर्जे की कोई भी ब्याज लगा सकते हैं या फिर श्रीलंकाई रुपए में अपना कर्जा वापस ले सकते हैं.

 

घोषणा से जुड़ी प्रमुख बातें

श्रीलंकाई सरकार ने बताया कि स्वतंत्रता के बाद से विदेशी ऋण के लिए उसका ‘बेदाग’ रिकॉर्ड है.

पत्र में हाल की घटनाओं जैसे कोविड महामारी, यूक्रेन में शत्रुता और इसी तरह की स्थिति के बारे में भी बात की गई है, जिसके कारण बाहरी ऋण की सामान्य सेवा “असंभव” हो गई है.

श्रीलंका सरकार ने ‘आर्थिक सुधार कार्यक्रम’ और ‘संकट में आपातकालीन वित्तीय सहायता’ को डिजाइन करने में सहायता के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से संपर्क किया है.

पत्र में द्विपक्षीय और अन्य बहुपक्षीय भागीदारों से वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए भी मदद मांगी गई है ताकि देश को असाधारण स्थिति से वापस पटरी पर लाने में मदद मिल सके.

आईएमएफ के समर्थन से उचित पुनर्गठन होने तक देश अंतरिम अवधि के लिए सभी “प्रभावित ऋण” की ऋण सेवाएं निलंबित.