यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अप्रैल महीने के अंत में भारत के दौरे पर आने वाले है। ख़ास बात ये है कि यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन के अलग होने के बाद ये उनका पहला बड़ा इंटरनेशल दौरा होगा। इस बात की जानकारी उनके कार्यालय की तरफ से दी गई। बोरिस जॉनसन अपनी इस भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण समझौते होने की बात कही जा रही है। बता दें कि इससे पहले बोरिस जॉनसन भारत के गणतंत्र दिवस 26 जनवरी पर नई दिल्ली आने वाले थे लेकिन ब्रिटेन में कोरोना वायरस स्ट्रेन के प्रकोप की वजह से उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया था हलाकि इसके बाद उन्होंने भारत नहीं आपाने के लिए खेद भी जताया था।
UK Prime Minister Boris Johnson will visit India at the end of April in what will be his first major international trip after Britain’s exit from the European Union as part of efforts to boost UK opportunities in the region, his office said on Monday: Reuters pic.twitter.com/tvbxccjLDD
— ANI (@ANI) March 16, 2021
ईयू से अलग होने के बाद पहली बड़ी अंतरराष्ट्रीय यात्रा।
यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने के बाद बोरिस जॉनसन की यह पहली बड़ी अंतरराष्ट्रीय यात्रा होगी। बता दें कि यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद अब हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ब्रिटैन अपना ध्यान केंद्रित करना चाहता है।
क्या है इस दौरे का महत्व ?
ब्रिटेन का मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में लोकतांत्रिक ताकत के साथ चीन से निपटने का भी है। दरअसल बीते कुछ वक्त में हॉन्ग कॉन्ग, कोरोना महामारी और ब्रिटेन के 5जी नेटवर्क में चीन की कंपनी Huawei को सक्रिय भूमिका न मिलने जैसे मुद्दों को लेकर बीजिंग और ब्रिटेन के बीच संबंधों में तनाव किसी से छिपा नहीं है।
जॉनसन करेंगे जी-7 नेताओं की डिजिटल बैठक की मेजबानी।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन जून में जी-7 देशों के शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। जी-7 में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल हैं। जून में कॉर्नवल में होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भी शामिल होने की उम्मीद है।बता दे ब्रिटेन ने इस सम्मेलन में भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को अतिथि राष्ट्र के रूप में आमंत्रित किया है।