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हॉकी में ऐतिहासिक जीत: 41 साल बाद भारत ने ओलंपिक में पदक किया अपने नाम; देखे वह वीडियो,जब अंतिम 6 सेकेंड में अटक गईं थी सबकी सांसें

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आज भारत के लिए गर्व का दिन है। दरअसल आज भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने गुरुवार को कांस्य पदक के मुकाबले में जर्मनी को करारी शिकस्त दी है। इसी के साथ भारतीय हॉकी टीम ने 41 साल बाद ओलंपिक में पदक अपने नाम किया जिसने पूरे देश में ख़ुशी की लहर ला दी है। इस ख़ुशी का एहसास देश को आज इसीलिए भी ज़्यादा है क्युकी जर्मनी की टीम अपने आक्रामक खेल के लिए जानी जाती है और भारत ने इसी बात का खास ख्याल रखा। उसने न सिर्फ जर्मनी के आक्रमण का बखूबी जवाब दिया, बल्कि मौका मिलने पर गोल करने से नहीं चूका।

1980 में जीता था आखिरी पदक।

बता दे भारतीय टीम ने 1980 मास्को ओलंपिक में अपने आठ स्वर्ण पदक में से आखिरी पदक जीतने के 41 साल बाद ओलंपिक पदक जीता है।

ऐसे रोमांचक हुआ मैच।

इस मैच में एक समय ऐसा था जब भारतीय टीम जर्मनी के खिलाफ 1-3 से पीछे चल रही थी लेकिन उसके बाद भारत ने जो वापसी की वो हैरान करने वाली थी। टीम इंडिया ने सात मिनट में चार गोल करते हुए पूरे मैच का नक्शा ही पलट दिया। अंतिम 6 सेकेंड में गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने जैसे ही तीन बार की चैम्पियन जर्मनी को मिली पेनल्टी को रोका तो हर देशवासी खुशी के मारे उछल पड़ा।

एक समय पिछड़ गई थी टीम।

जर्मनी ने गेम के दूसरे मिनट में ही एक शानदार फील्ड गोल करते हुए बढ़त बना ली। दूसरे क्वार्टर में भारत के सिमरनजीत सिंह ने बेहतरीन फील्ड गोल्ड दागते हुए स्कोर1-1 से बराबर कर दिया लेकिन इसके बाद जर्मनी ने 1 मिनट के अंदर दो गोल करते हुए 25वें मिनट में 1 के मुकाबले 3 गोल की लीड ले ली। भारत ने हार नहीं मानी और अपना जोश तथा जज्बा जारी रखा जिसका फायदा भी मिला।

अंतिम मिनट में मिले कई मौके।

अंतिम समय में जर्मन टीम ने कई हमले किए। यहां तक कि जर्मनी को अंतिम मिनट में लगातार चार पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन अमित रोहिदास ने विरोधी टीम को सफलता हासिल नहीं करने दी। अंतिम 6 सेकेंड में जर्मनी को फिर से पेनाल्टी कॉर्नर मिला लेकिन भारतीय मजबूत डिफेंस के आगे वह गोलपोस्ट को नहीं भेद सका। जर्मनी की टीम बराबरी की तलाश में अंतिम पांच मिनट में बिना गोलकीपर के खेली।

और देखें वो वीडियो जब अंतिम 6 सेकेंड में अटक गईं थी सबकी सांसें।

हॉकी में भारत की जीत ‘ऐतिहासिक’, देश को अपनी टीम पर गर्व: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओलंपिक में 41 साल बाद पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम की जीत को ‘‘ऐतिहासिक’’ करार दिया और कहा कि आज का दिन हर भारतीय की यादों में रहेगा। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ऐतिहासिक! आज का दिन हर भारतीय की यादों में रहेगा। कांस्य पदक भारत लाने पर पुरुष हॉकी टीम को बधाई। इस उपलब्धि से उन्होंने पूरे देश का, खासकर युवाओं का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है। भारत को अपनी हॉकी टीम पर गर्व है।’’

बाद में, प्रधानमंत्री ने भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह, मुख्य कोच ग्राहम रीड और सहायक कोच पीयूष दूबे से फोन पर बात की और टीम इंडिया को कांस्य पदक जीतने के लिए बधाई दी।

और देश में उमड़ी ख़ुशी की लहर।

 

कोच ग्राहम रीड बोल गए अपने खिलाड़ियों के लिए यह बड़ी बात।

इस ऐतिहासिक जीत के बाद भारतीय पुरूष हॉकी टीम के ऑस्ट्रेलियाई कोच ग्राहम रीड ने कहा ,‘‘ यह अद्भुत अहसास है। इस टीम ने इसके लिये कई बलिदान दिये हैं ।’’ कोरोना काल में अपने परिवार से दूर रहने और कुछ खिलाड़ियों के कोरोना संक्रमित होने का भी हवाला देते हुए उन्होंने कहा ,‘‘ जहां ये खिलाड़ी पहुंचे हैं, वहां तक पहुंचने में काफी समय लगता है ।

कई बलिदान जिनके बारे में किसी को पता भी नहीं होता ।’’ रीड ने कहा ,‘‘ देश के साथ साथ यह टीम भी लंबे समय से पदक का इंतजार कर रही थी । मुझे पता है कि भारत के लिये हॉकी के क्या मायने हैं और इसका हिस्सा बनकर मैं बहुत खुश हूं ।’’ भारतीय टीम एक समय 1-3 से पीछे थी और रीड ने कहा कि उन्होंने खिलाड़ियों को वापसी की उम्मीद कभी नहीं छोड़ना सिखाया है।

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