Hindi Newsportal

जासूसी काण्ड: पेगासस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने बताया गंभीर, याचिकाकर्ताओं से कहा- केंद्र को सौंपे अपनी याचिका की प्रति

File Image
0 406

सुप्रीम कोर्ट में पेगासस स्‍पाईवेयर के जरिए कथित जासूसी के मामले पर सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान, अदालत ने कहा कि अगर खबरें सही हैं तो आरोप बेहद गंभीर हैं । इसके साथ ही आज सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाकर्ताओं को याचिका की कॉपी भारत सरकार को सर्व करने के लिए कहा है।

मीडिया में रिपोर्ट सही है तो आरोप गंभीर प्रकृति के हैं – चीफ जस्टिस।

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा, ‘अगर मीडिया में रिपोर्ट सही है तो आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। मैं यह भी नहीं कहना चाहता कि दलीलों में कुछ भी नहीं है। हम यह भी नहीं कह रहे हैं कि कुछ याचिकाकर्ता इससे प्रभावित नहीं हुए हैं। कुछ का दावा है कि उनके फोन हैक हो गए हैं। लेकिन सवाल यह है कि उन्होंने आपराधिक शिकायत दर्ज करने का प्रयास क्यों नहीं किया।’

कपिल सिब्बल ने कही यह बात।

आज इस सुनवाई में याचिकाकर्ता की तरफ से कपिल सिब्‍बल ने कहा कि सरकार ने ‘संसद में कहा कि इस बात में विवाद नहीं है कि 121 लोगों को निशाना बनाया गया। मेरा सीधा सवाल है कि अगर सरकार जानती है तो वह क्यों नहीं एक्शन ले रही है।

कपिल सिब्‍बल ने सरकार पर उठाए सवाल।

याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए कपिल सिब्बल ने दलील में कहा कि ‘सिर्फ सरकार ही पेगासस स्पाइवेयर खरीद सकती है, ऐसे में मामले में सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाए। पत्रकार, शिक्षाविद से लेकर राजनीतिक हस्तियों को निशाना बनाया गया है, ऐसे में सरकार जवाब दे।’

सरकार ने क्यों नहीं कराया FIR ?

उन्‍होंने आगे कहा, “मेरा सीधा सवाल है कि अगर सरकार जानती है तो वह क्यों नहीं ऐक्‍शन ले रही है। सरकरा द्वारा एफआईआर क्यों नहीं कराया गया। सिर्फ सरकार ही इसे (पेगासस) खरीद सकती है। हमें बताया गया है कि एक फोन की जासूसी के लिए 55 हजार डॉलर का खर्च है, ये पैसे किसने दिए?”

चीफ जस्टिस ने भी उठाये सवाल।

चीफ जस्टिस ने सभी याचिकाकर्ताओं से यह भी सवाल किया कि यह मुद्दा 2019 में सामने आया था लेकिन तब कोई गंभीर चिंता क्यों नहीं जताई गई थी? चीफ जस्टिस ने यह भी कहा, ‘जिन लोगों को रिट याचिकाएं दायर की हैं वे अधिक जानकार और साधन संपन्न हैं। उन्हें अधिक इस मामले में सामग्री जुटाने के लिए और अधिक मेहनत करनी चाहिए थी।

अगली सुनवाई मंगलवार को।

इधर चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को केंद्र सरकार को याचिकाओं की प्रतियां देने के लिए कहा और मामले को मंगलवार को आगे की सुनवाई के लिए टाल दिया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इस मामले में केंद्र सरकार को औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया है।

क्या है पूरा मामला ?

पेगासस मामले में पांच पत्रकारों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उनका कहना है कि सरकारी एजेंसियों की तरफ से अनधिकृत उपयोग ने उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया है। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, वे पेगासस स्पाइवेयर के उपयोग से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। याचिकाकर्ताओं में परंजॉय गुहा ठाकुरता, एसएनएम आब्दी, प्रेम शंकर झा, रूपेश कुमार सिंह और ईप्सा शताक्षी शामिल हैं।

Click here for Latest News updates and viral videos on our AI-powered smart news

For viral videos and Latest trends subscribe to NewsMobile YouTube Channel and Follow us on Instagram