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भारत ने अमेरिका की मानवाधिकारों के हनन वाली रिपोर्ट को किया ख़ारिज

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भारत ने अमेरिका की मानवाधिकारों के हनन वाली रिपोर्ट को किया ख़ारिज

 

अमेरिका द्वारा मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन पर जारी की गई एक रिपोर्ट को भारत ने आज सिरे से खारिज कर दिया है। अमेरिका ने 80 पन्नों की यह रिपोर्ट जारी की थी। जिसमें यूएस ने मणिपुर हिंसा का जिक्र करते हुए वहां मानवाधिकारों का हनन होने का दावा किया था। भारत ने इस रिपोर्ट को ख़ारिज करते हुए  गलत और भेदभावपूर्ण बताया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार (25 अप्रैल) को कहा है कि यह रिपोर्ट भारत के प्रति उनकी खराब समझ को भी दिखाता है। भारत ने अमेरिका में नस्लीय हिंसा और फायरिंग के मामलों का जिक्र किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को वीकली मीडिया ब्रीफिंग में कहा- “अमेरिका के साथ चर्चाओं में हमने लगातार उनके यहां नस्लीय भावना से प्रेरित हमलों, घृणा आधारित अपराध और बंदूक हिंसा से जुड़े मुद्दों को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं। वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित बातों और विचारों के आधार पर कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए। हम इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हैं।”

रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम आग्रह करते हैं कि राजनीति प्रेरित इनपुट के आधार पर आकलन से बचा जाना चाहिए. भारत धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों का आदर करता है.”

इजरायल के साथ बढ़े तनाव के बीच हाल ही ईरान ने एक जहाज को जब्त कर लिया था इस मुद्दे पर बात करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, ‘एक लड़की जो वहां थी वापस आ गई है। हमने इन 16 लोगों के लिए कांसुलर एक्सेस मांगा था और हमें वह मिला और हमारे अधिकारियों ने उनसे मुलाकात की। उनका स्वास्थ्य अच्छा है और जहाज पर किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं है…”

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, “हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुरक्षा मामलों के लिए जिम्मेदार उच्च पदस्थ अधिकारियों की 12वीं अंतर्राष्ट्रीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए सेंट पीटर्सबर्ग में हैं और इसके अलावा, उन्होंने रूस में अपने समकक्ष निकोलाई पेत्रुशेव सहित कई अन्य बैठकें कीं। उन्होंने कई मुद्दों पर चर्चा की है जो द्विपक्षीय एजेंडे का हिस्सा हैं और उन्होंने ब्राजील के सेल्सो अमोरिम सहित कई अन्य बैठकें भी कीं।”

उन्होंने आगे कहा, ” जहां तक ​​भारतीय नागरिकों के संबंध में सवाल है, हम रूसी संघ के विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और वहां के कई अन्य संगठनों सहित विभिन्न स्तरों पर इन मामलों को बहुत सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रहे हैं और हम प्रतिबद्ध हैं उन सभी लोगों को वापस लाने के लिए जो अब तक हमारे संपर्क में आए हैं और रिहा होना चाहते हैं। ऐसे 10 लोग भारत वापस आ गए हैं और उन्हें रूसी पक्ष ने आश्वासन दिया है कि वहां जो अन्य भारतीय हैं, उन्हें भी रिहा कर दिया जाएगा और वे घर लौट आएंगे।”

गौरतलब है कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने 22 अप्रैल को अलग-अलग देशों में मानवाधिकारों से जुड़े कानूनों के पालन की स्थिति को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट में चीन, ब्राजील , बेलारूस, म्यांमार के साथ-साथ भारत का भी जिक्र था।

इसमें भारत को लेकर दावा किया था कि मणिपुर में मैतई और कुकी समुदायों में फैली जातीय हिंसा फैलने के बाद मानवाधिकारों का हनन हुआ है। 3 मई से 15 नवंबर के बीच कम से कम 175 लोग मारे गए और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए। साथ ही रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में तानाशाही बढ़ी है।

अमेरिका की मानवाधिकार रिपोर्ट में भारत में रह रहे मुसलमानों को लेकर भी कई दावे किए गए हैं। इसमें कहा गया हैं कि भारत की बीजेपी सरकार हिंदुस्तान में मुस्लमानों के साथ भेदभाव कर रही है। भारत में अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों में भी बढ़ोतरी हुई है।

रिपोर्ट में मोदी सरकार पर पत्रकारों को चुप करवाकर जेल भेजने की कोशिश करने की बात कही गई है।