उत्तर प्रदेश की सियासत कब कौनसा मोड़ ले इसका कोई भरोसा नहीं है। आज बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा चुनाव में हुई उठापटक और सियासी दांवपेंच के बीच समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका दिया है।
सबसे पहले 7 बागी विधायकों को निलंबित करने का किया एलान।
राज्यसभा चुनाव को लेकर मचे हलचल के बीच आज बसपा प्रमुख मायावती ने सबसे पहले सात बागी विधायकों को पार्टी से बाहर कर दिया है। इन विधायकों पर पार्टी के राज्य सभा उम्मीदवार के खिलाफ बगावत करने का आरोप है। इस संबंध में विधायक दल के नेता लालजी वर्मा ने अपनी रिपोर्ट मायावती को सौंपी थी।
मायावती ने बागी विधायकों ने बारे में कहा कि सभी 7 विधायक निलंबित किए गए हैं। बागी विधायकों की सदस्यता रद्द की जाएगी। ये षड्यंत्र कामयाब नहीं होगा। एमएलसी के चुनाव में सपा को जवाब देंगे।
बहुजन समाज पार्टी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए 7 विधायकों को निलंबित किया।@Mayawati pic.twitter.com/yUcbXHZgbD
— NewsMobile Samachar (@NewsMobileHindi) October 29, 2020
अखिलेश यादव पर बोला करारा हमला।
पार्टी के विधायकों की बगावत से नाराज़ मायावती ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पर करारा हमला बोला है। मायावती ने कहा कि मुलायम सिंह यादव के बाद अब अखिलेश की भी बुरी गति होगी। मायावती यही नहीं रुकी उन्होंने तो ये तक कहा कि ‘हमने फैसला कर लिया है कि यूपी में आगामी एमएलसी चुनाव में एसपी के प्रत्याशी को हराने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाएंगे। अगर हमें बीजेपी प्रत्याशी या फिर किसी दूसरी पार्टी के कैंडिडेट को वोट देना होगा तो वो भी करेंगे।’
#WATCH BSP Chief Mayawati says that her party will vote for BJP or any party's candidate in future UP MLC elections, to defeat Samajwadi Party's second candidate.
"Any party candidate, who'll be dominant over SP's 2nd candidate, will get all BSP MLAs' vote for sure," she said. pic.twitter.com/ki4W6ZAwgE
— ANI (@ANI) October 29, 2020
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मायावती ने ये भी कहा कि, ‘लोकसभा चुनाव के दौरान सांप्रदायिक ताकतों से मुकाबला करने के लिए हमारी पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ हाथ मिलाया था। लेकिन उनके परिवार में चल रही आंतरिक कलह की वजह से उन्हें बीएसपी के साथ गठबंधन का अधिक फायदा नहीं मिल सका। चुनाव के बाद उनकी तरफ से प्रतिक्रिया मिलनी बंद हो गई, जिस वजह से हमने रास्ते अलग करने का फैसला लिया।’
सपा के मुखिया गठबंधन होने के पहले दिन से ही एससी मिश्रा जी को ये कहते रहे कि अब तो गठबंधन हो गया है तो बहनजी को 2 जून के मामले को भूला कर केस वापस ले लेना चाहिए, चुनाव के दौरान केस वापस लेना पड़ा: मायावती, BSP
— NewsMobile Samachar (@NewsMobileHindi) October 29, 2020
‘1995 का गेस्ट हाउस कांड वापस लेना बड़ी भूल’।
राज्यसभा चुनाव के दौरान पार्टी के विधायकों में हुई सेंधमारी पर मायावती ने कहा, ‘लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद जब हमने समाजवादी पार्टी के व्यवहार को देखा, तभी समझ में आ गया कि हमने 2 जून 1995 के केस को वापस लेकर बड़ी गलती कर दी है। हमें उनके साथ हाथ नहीं मिलाना चाहिए था और इस संबंध में गहराई से सोचना चाहिए था।’
‘चुनाव की बजाय केस को वापस कराने में लगे थे अखिलेश – मायावती।
BSP सुप्रीमो ने कहा, ‘मैं यह खुलासा करना चाहती हूं कि जब हमने लोकसभा चुनाव साथ लड़ने का फैसला किया था, तब पहले दिन से ही हमने कड़ी मेहनत की। लेकिन समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष पहले दिन से ही सतीश चंद्र मिश्रा से कहते रहे कि अब जबकि एसपी-बीएसपी ने हाथ मिला लिया है, तो मुझे जून 1995 के केस को वापस ले लेना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार की बजाय एसपी मुखिया मुकदमा वापसी कराने में लगे थे। 2003 में मुलायम ने बएसपी तोड़ी उनकी बुरी गति हुई, अब अखिलेश ने यह काम किया है, उनकी बुरी गति होगी।
चुनाव का नतीजा आने के बाद इनका जो रवैया हमारी पार्टी ने देखा है, उससे हमें ये ही लगा कि केस को वापस लेकर बहुत बड़ी गलती करी और इनके साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए था: मायावती, BSP
— NewsMobile Samachar (@NewsMobileHindi) October 29, 2020
प्रियंका ने कसा तंज।
मायावती ने कहा, जो भी दल सपा को हराने की स्थिति में होगा, उसे बीएसपी का वोट सुनिश्चित किया जाएगा. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मायावती के बीजेपी को परोक्ष समर्थन के संकेत पर बसपा सुप्रीमो के वीडियो के साथ कमेंट किया, क्या अब और कुछ कहना बाकी रह गया है।
इसके बाद भी कुछ बाकी है? pic.twitter.com/WGNxMWq9gh
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 29, 2020