इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2019 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से उनके चुनाव को चुनौती देने वाली एक याचिका के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोटिस जारी किया है.
याचिका तेज बहादुर, पूर्व बीएसएफ जवान और सपा उम्मीदवार द्वारा दायर की गई थी, जिनके वाराणसी से चुनाव लड़ने के नामांकन को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया था.
कोर्ट इस मामले की सुनवाई 21 अगस्त को करेगा.
कोर्ट ने रजिस्टर्ड डाक के ज़रिये पीएम मोदी को नोटिस भेजने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही कम से कम दो समाचार पत्रों में उसका प्रकाशन कराने को भी कहा है.
1 मई को, यादव की उम्मीदवारी को रिटर्निंग अधिकारी द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था, जब वह इस बात पर एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में विफल रहा था कि क्या वह भ्रष्टाचार या सरकार के प्रति अरुचि के लिए सेवा से बर्खास्त किया गया था या नहीं.
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अपनी याचिका में, यादव ने आरोप लगाया कि उनके नामांकन पत्र “गलत तरीके से” खारिज कर दिए गए थे और अदालत से मोदी के निर्वाचन को शून्य घोषित करने और वाराणसी से संसद के सदस्य के रूप में शून्य घोषित करने का आग्रह किया था.
9 मई को, शीर्ष अदालत ने वाराणसी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव आयोग द्वारा उनके नामांकन की अस्वीकृति को चुनौती देते हुए यादव की याचिका को खारिज कर दिया था.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था, “हम इस याचिका पर विचार करने के लिए इसे योग्य नहीं पाते हैं.”
समाजवादी पार्टी ने 29 अप्रैल को वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ यादव को अपना उम्मीदवार बनाया था. इससे पहले, वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में थे.