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विश्व स्वास्थ्य सभा में बोले पीएम मोदी: ‘स्वस्थ विश्व का भविष्य समावेशिता और सहयोग पर निर्भर’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेनेवा में आयोजित विश्व स्वास्थ्य सभा (World Health Assembly) के 78वें सत्र को वर्चुअली संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने ‘स्वास्थ्य के लिए एक विश्व’ की थीम पर जोर देते हुए कहा कि एक स्वस्थ विश्व का भविष्य समावेशिता, एकीकृत दृष्टिकोण और वैश्विक सहयोग पर आधारित होना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि समावेशिता भारत के स्वास्थ्य मॉडल की बुनियाद है। उन्होंने बताया कि भारत की प्रमुख योजनाएं जैसे आयुष्मान भारत और डिजिटल हेल्थ मिशन, समावेशी और टिकाऊ स्वास्थ्य प्रणाली की मिसाल हैं।

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत की आयुष्मान भारत योजना दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसमें 58 करोड़ से ज्यादा लोग शामिल हैं। हाल ही में इसमें 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को भी शामिल किया गया है। इस योजना के तहत लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है। इसके अलावा, भारत में हजारों हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कैंसर, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों की जांच और उपचार कर रहे हैं। सार्वजनिक फार्मेसी नेटवर्क के माध्यम से सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में डिजिटल तकनीक का बेहतरीन इस्तेमाल किया है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण को ट्रैक करने के लिए एक मजबूत डिजिटल प्लेटफॉर्म है। लाखों लोगों को एक डिजिटल हेल्थ आईडी जारी की गई है, जिससे बीमा, स्वास्थ्य रिकॉर्ड और लाभों को जोड़ना आसान हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत की मुफ्त टेलीमेडिसिन सेवा के जरिए अब तक 34 करोड़ से ज्यादा लोगों को परामर्श मिल चुका है।


पीएम मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ (Global South) के देशों को स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना अधिक करना पड़ता है। भारत का स्वास्थ्य मॉडल अनुकरणीय, मापनीय और टिकाऊ है, जिसे बाकी देशों के साथ साझा करने में भारत को खुशी होगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इस साल जून में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा, जिसकी थीम है – “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग”। उन्होंने सभी देशों से इसमें भाग लेने का आग्रह किया। अपने संबोधन के अंत में पीएम मोदी ने आईएनबी संधि पर सफल वार्ता के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन और सभी सदस्य देशों को बधाई दी और कहा कि यह भविष्य की महामारियों से लड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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