मणिपुर हिंसा में लीक ऑडियो को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, सीएफएसएल से फॉरेंसिक रिपोर्ट की मांग
मणिपुर हिंसा के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के हाल ही में हुए लीक ऑडियो टेप पर सीएफएसएल से सरकारी फोरेंसिक लैब रिपोर्ट मांगी है।
याचिकाकर्ता ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया है कि कुकी जनजाति के खिलाफ हिंसा भड़काने में उनका हाथ भी है। ऑडियो में मुख्यमंत्री के बयान सामने आए थे, जिनमें राज्य में हो रही जातीय हिंसा में उनके मिले होने के संकेत मिलते है। रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में पेश किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार शामिल थे, उन्होंने कुकी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता ने ऑडियो टेप की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च 2025 से शुरू होने वाले सप्ताह में होगी।
सुनवाई के दौरान, जस्टिस संजय कुमार ने पूछा कि क्या उन्हें इस मामले से अलग हो जाना चाहिए, क्योंकि वे मणिपुर के मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित रात्रिभोज में शामिल हुए थे, जब उन्हें सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था। परन्तु याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जस्टिस कुमार को खुद को अलग करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने अदालत को बताया कि ‘ट्रुथ लैब्स’, ने पुष्टि की है कि ऑडियो टेप में 93 प्रतिशत तक मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की आवाज मिलती है।
2007 में स्थापित ‘ट्रुथ लैब्स’ भारत की पहली गैर-सरकारी पूर्ण-विकसित फोरेंसिक लैब है।
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