कर्नाटक विधायक केसी वीरेंद्र उर्फ पप्पी ईडी हिरासत में, अवैध सट्टेबाजी मामले की जांच जारी

कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के विधायक केसी वीरेंद्र उर्फ पप्पी का मामला किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। वह अवैध सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म के जरिए करोड़ों रुपये की आपराधिक आय जुटाने के आरोप में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की हिरासत में हैं।
उनकी पत्नी आरडी चैत्रा ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की थी, जिसमें उनके पति की गिरफ्तारी को अवैध, मनमाना और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन घोषित करने का अनुरोध किया गया था। याचिका में यह भी कहा गया कि केसी वीरेंद्र के खिलाफ अधिकांश एफआईआर बंद कर दी गई थीं या उनमें समझौता हो गया था। केवल एक एफआईआर बची थी, जो 30,000 रुपये के विवाद से संबंधित थी।
हालांकि, ईडी की ओर से पेश कर्नाटक के एएसजी ने कोर्ट में बताया कि 30,000 रुपये की शिकायत केवल एक छोटी झलक है। ईडी की जांच में एक बड़ा सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क सामने आया है। यह नेटवर्क भारत, श्रीलंका, नेपाल और दुबई में फर्जी कंपनियों और कैसीनो के जरिए संचालन किया गया। जांच में सामने आया कि केसी वीरेंद्र और उनके सहयोगियों ने फोनपैसा पेमेंट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड जैसे पेमेंट गेटवे का इस्तेमाल करके किंग567 जैसे अवैध सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म का संचालन किया। इसके जरिए करोड़ों रुपये की आपराधिक आय (POC) जुटाई गई। प्रारंभिक जांच में पता चला कि अब तक लगभग 150 करोड़ रुपये की आपराधिक आय का पता चला है।
याचिका में यह तर्क दिया गया था कि केवल 30,000 रुपये के विवाद की एफआईआर लंबित थी और बाकी मामले बंद कर दिए गए थे। हालांकि, उच्च न्यायालय ने ईडी के तर्क को सही मानते हुए केसी वीरेंद्र की गिरफ्तारी को बरकरार रखा और रिट याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने माना कि ईडी के पास पर्याप्त सबूत हैं, जो यह दिखाते हैं कि केसी वीरेंद्र अवैध सट्टेबाजी ऐप के जरिए लोगों को धोखा देने और पैसा कमाने में शामिल हैं। पीएमएलए, 2002 की धारा के तहत यह अपराध है। कोर्ट ने कहा कि हिरासत में पूछताछ आवश्यक है ताकि नेटवर्क के अन्य पहलुओं का पता लगाया जा सके और विदेशी लिंक की पहचान की जा सके।
इस मामले में ईडी की जांच अभी जारी है और अधिकारियों का कहना है कि केसी वीरेंद्र सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के बड़े नेटवर्क का किंगपिन हैं।




