कटक के बाराबती स्टेडियम में 9 फरवरी को खेले गए भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरे वनडे मुकाबले में भारतीय टीम ने चार विकेट से जीत दर्ज कर तीन मैचों की सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली। हालांकि, इस रोमांचक मुकाबले के दौरान फ्लड लाइट की खराबी के चलते 30 मिनट तक मैच रुका रहा, जिससे खिलाड़ियों और दर्शकों को असुविधा हुई।
भारतीय पारी के दौरान छठे ओवर के बाद स्टेडियम की एक फ्लड लाइट खराब हो गई, जिससे खेल कुछ देर के लिए बाधित हुआ। जब मैच दोबारा शुरू हुआ, तो केवल एक गेंद के बाद पूरा टावर ही बंद हो गया, जिसके कारण खेल फिर से रोकना पड़ा। इस तकनीकी खामी ने आयोजकों की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस घटना को लेकर ओडिशा सरकार ने ओडिशा क्रिकेट संघ (OCA) से जवाब तलब किया है। राज्य के खेल निदेशक सिद्धार्थ दास की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि OCA विस्तृत स्पष्टीकरण प्रस्तुत करे और उन व्यक्तियों या एजेंसियों की पहचान करे, जो इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार थे। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देने के लिए 10 दिनों का समय दिया गया है।
ओडिशा के खेल मंत्री सूर्यवंशी सूरज और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी भी मैच के दौरान स्टेडियम में मौजूद थे। खेल मंत्री ने पहले ही साफ कर दिया था कि OCA से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। उन्होंने कहा, “OCA द्वारा सभी सावधानियां बरतने के बावजूद यह घटना हुई, इसकी जांच जरूरी है।”
OCA सचिव संजय बेहरा ने स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि प्रत्येक फ्लड लाइट टावर को दो जनरेटर से जोड़ा गया था। उन्होंने कहा, “जब एक जनरेटर खराब हुआ, तो हमने दूसरा जनरेटर चालू किया, लेकिन जनरेटर बदलने में देरी हो गई क्योंकि खिलाड़ियों का वाहन टावर और दूसरे जनरेटर के बीच में खड़ा था।”
बाराबती-कटक से कांग्रेस विधायक सोफिया फिरदौस ने फ्लड लाइट फेल होने की घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह “बहुत दुर्भाग्यपूर्ण” है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
इस घटना ने ओडिशा क्रिकेट संघ की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि OCA अपने जवाब में क्या स्पष्टीकरण देता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।
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