आज यानी 9 सितंबर को हरतालिका तीज देश भर में मनाया जा रहा है। देशभर में महिलाएं आज हरतालिका तीज का व्रत रख रही है। सबसे पहले बता दे कि इस साल हरतालिका तीज पर अद्भूत संयोग बन रहा है। दरअसल आज 14 साल बाद रवियोग बन रहा है। मान्यता है कि इस शुभ संयोग में व्रत और पूजन करने से सुहागिनों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इतना ही नहीं, इस दिन महिलाएं सोलह ऋंगार करके भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा अराधना करने पर मनचाहा वरदान मिलता है। गौरतलब है कि हरतालिका तीज हर साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है और इस साल यह 9 सितंबर 2021को मनाई जा रही है।
सबसे कठिन माना जाता है तीज व्रत।
इस दिन सुहागिनें पति की लंबी आयु बच्चों की खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना के लिए निराहार और निर्जला व्रत रखती हैं यानी बिना पानी के। बता दे हरतालिका तीज को हिंदू धर्म में सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। और मान्यता ये भी है कि यह व्रत अत्यंत शुभ फलदायी होता है।
14 साल बाद बाद हरतालिका तीज पर रवियोग।
हरतालिका तीज पर 14 साल बाद रवियोग चित्रा नक्षत्र के कारण बन रहा है। यह शुभ योग 9 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से अगले दिन 10 सितंबर को 12 बजक 57 मिनट तक रहेगा।
यह है पूजा का अति शुभ समय।
हरतालिका तीज व्रत का पूजा का अति शुभ समय शाम 05 बजकर 16 मिनट से शाम को 06 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। शुभ समय 06 बजकर 45 मिनट से 08 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।
क्या है हरतालिका तीज का महत्व ?
हरतालिका तीज व्रत करने से पति को लंबी आयु प्राप्त होती है। मान्यता है कि कुंवारी कन्या अगर इस व्रत को नियम और श्रद्धा पूर्वक करे तो उसे सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है।
अब जानें पूजन की विधि।
कहते हैं कि हरतालिका तीज के दिन भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रुप में स्वीकार किया था। माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठिन तपस्या की थी, इसके बाद ही भोलेशंकर उन्हें मिल पाए थे। तभी से मन चाहा पति की इच्छा और लंबी आयु के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। इतना ही नहीं, हरितालिका तीज में श्रीगणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
🛑पूजा के लिए सबसे पहले मिट्टी या बालू (रेत) से तीनों की प्रतिमा बनाएं और भगवान गणेश को तिलक करके दूर्वा अर्पित करें।
🛑इसके बाद भगवान शिव को फूल, बेलपत्र और शमिपत्री अर्पित करें तीनों देवताओं को वस्त्र अर्पित करने के बाद हरितालिका तीज व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
🛑इसके बाद श्रीगणेश की आरती करें और भगवान शिव और माता पार्वती की आरती उतारने के बाद भोग लगाएं।
🛑माता पार्वती को सुहाग की सभी चीजें चढ़ाएं।
🛑भगवान शिव को धोती और अगोंछा चढ़ाएं।
🛑इसके बाद उन चीजों को ब्राह्मण को दान दे दें।
🛑पूजा के बाद तीज की कथा सुनें और रात्रि जागरण करें।
🛑हरतालिका तीज में सुहागिन शिव की महिमा माता पार्वती और भगवान गणेश के भजन और गीत गाकर पूरी रात जागरण करती है।
🛑अगले दिन सुबह प्रातः स्नान करके विधि वत पूजा अर्चना कर इन्हें गंगा नदी, तालाब या अपने घरों में गमले में विसर्जन करते है।