ये तो हम सब जानते है की अगर हमे स्कूल के बाद इंजीनियरिंग करनी है तो हमे दसवी के बाद से ही मैथ्स साइंस सब्जेक्ट यानी विषय लेना ही पड़ता था। लेकिन अब अगर आपने 12वीं में मैथ्स, फीजिक्स की पढ़ाई नहीं की है, तब भी आगे आप इंजीनियरिंग का कोर्स कर सकते हैं। दरअसल ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन यानी (AICTE) ने इस बारे में जानकारी दी है।
फीजिक्स और मैथ्स को बनाया ऑप्शनल।
काउंसिल ने अपने अप्रूवल हैंडबुक 2021-22 में इंजीनियरिंग के यूजी कोर्सेस (BE/BTech) में एडमिशन के लिए क्लास 12 फीजिक्स और मैथ्स को ऑप्शनल बना दिया है। इससे पहले ही बात करे तो अब तक इंजीनियरिंग कोर्सेस में एडमिशन के लिए 12वीं के लेवल पर मैथ्स, फीजिक्स की पढ़ाई जरूरी / अनिवार्य थी।
#AICTE Chairman, Prof. Anil D. Sahasrabudhe's Press Conference on #ApprovalProcess Handbook for the academic year 2021-22.@adsahasrabudhe @drmppoonia @ms_aicte @EduMinOfIndia @DrRPNishank @SanjayDhotreMP @PIBHRD @PIB_India @MIB_India @airnewsalerts
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— AICTE (@AICTE_INDIA) March 12, 2021
इन में से किसी भी विषय के साथ पास करनी होगी 12वीं।
काउंसिल के नए हैंडबुक के अनुसार, अब फीजिक्स / मैथ्स/ केमिस्ट्री/ कंप्यूटर साइंस/ इलेक्ट्रॉनिक साइंस/ इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी/ बायोलॉजी/ इनफॉर्मेशन प्रैक्टिसेस/ बायोटेक्नोलॉजी/ टेक्निकल वोकेशनल सब्जेक्ट/ एग्रीकल्चर/ इंजीनियरिंग ग्राफिक्स/ बिजनेस स्टडीज या एंटरप्रेन्योरशिप में से किसी भी विषय के साथ 12वीं पास करना होगा। इसके अलावा सामान्य श्रेणी के स्टूडेंट्स को 12वीं में इन विषयों में कम से कम 45% और आरक्षित श्रेणी को 40% अंक लाने होंगे।
बीई, बीटेक के लिए ब्रिज कोर्स से योग्यता हासिल कर सकेंगे बच्चे।
अब बात ये आती है की अगर बच्चा मैथ्स साइंस फील्ड का नहीं है तो वो बीई, बीटेक के लिए योग्यता कैसे हासिल कर सकेगा ? तो बता दे एआईसीटीई ने यूनिवर्सिटीज से कहा है कि अलग-अलग बैकग्राउंड से आने वाले स्टूडेंट्स को मैथ्स, फीजिक्स, इंजीनियरिंग ड्रॉईंग का ब्रिज कोर्स कराया जाए। ताकि वे बीई, बीटेक प्रोग्राम की जरूरत के अनुसार योग्यता हासिल कर सकें।
क्यों पड़ी ऐसे फैसले की ज़रुरत ?
एआईसीटीई के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत एलिजिबिलिटी क्राइटीरिया में फ्लेक्सिबिलिटी लाने के लिए यह पहल की जा रही है। नए नियमों के अनुसार, एआईसीटीई ने मेडिसीन और कॉमर्स के स्टूडेंट्स के लिए भी बीई व बीटेक करने के रास्ते खोल दिए हैं।
डिप्लोमा वालों के लिए भी सौगात।
इस फैसले से इंजीनियरिंग में तीन साल का डिप्लोमा करने वालों को भी बीई-बीटेक में लैटरल एंट्री एडमिशन मिल सकेगा। अगर लैटरल लेवल वैकेंसी खत्म हो जाएगी, तो फर्स्ट ईयर में खाली सीटों के आधार पर एडमिशन मिलेगा।