नई दिल्ली: प्लास्टिक की बर्बादी को कम करने के लिए केंद्र द्वारा चुनिंदा सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध शुक्रवार से लागू हो गया है.
सिंगल-यूज प्लास्टिक आमतौर पर ऐसी वस्तुएं होती हैं जिन्हें केवल एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है और रीसाइक्लिंग प्रक्रिया से नहीं गुजरता है. प्लास्टिक प्रदूषण में इनका बड़ा योगदान है.
स्थलीय और जलीय पारिस्थितिक तंत्र दोनों पर प्लास्टिक की एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक की वस्तुओं के प्रतिकूल प्रभावों और खतरे को विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है.
किन-किन वस्तुओं पर लगा है बैन:
- प्लास्टिक के झंडे
- प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स
- गुब्बारों के लिए प्लास्टिक स्टिक
- कैंडी स्टिक
- थर्मोकोल
- गिलास
- आइस्क्रीम स्टिक
- कटलरी
- कांटे-चम्मच
- मिठाई के डिब्बों को रैप या पैक करने वाली फिल्म
- इन्विटेशन कार्ड
- सिगरेट के पैकेट
- 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर
प्रतिबंध के प्रवर्तन की निगरानी के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में एक राष्ट्रीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, इसके अलावा राज्य बोर्डों को सोशल मीडिया अभियानों सहित व्यापक जागरूकता गतिविधियों और उद्योगों, कॉलेजों, स्कूलों और अन्य संस्थानों के साथ संवादात्मक बैठकें करने के लिए कहा गया है.
प्रतिबंध के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्य बोर्डों को औद्योगिक और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के निरीक्षण को तेज करने का निर्देश दिया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2022 तक एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं को समाप्त करने के लिए दिए गए स्पष्ट आह्वान के अनुरूप, पर्यावरण मंत्रालय ने 12 अगस्त 2021 को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 को अधिसूचित किया था.
स्वतंत्रता के 75वें वर्ष ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ की भावना को आगे बढ़ाते हुए, देश द्वारा कूड़े और अप्रबंधित प्लास्टिक कचरे से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए एक निर्णायक कदम उठाया जा रहा है.