नई दिल्ली: इस साल का गणतंत्र दिवस समारोह देश के सैन्य कौशल, सांस्कृतिक विविधता और कई अन्य अनूठी पहलों का गवाह बनेगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 26 जनवरी, 2023 को नई दिल्ली में कर्तव्य पथ से 74वें गणतंत्र दिवस समारोह में देश का नेतृत्व करेंगी.
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी इस साल मुख्य अतिथि के रूप में परेड देखेंगे. पहली बार समारोह में पहली पंक्ति में वीवीआईपी की जगह मजदूरों को जगह दी गई है, जिसे भारत सरकार ने श्रमजीवी का नाम दिया है.
गणतंत्र दिवस परेड, जो लगभग 10:30 बजे शुरू होगी, देश की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता का एक अनूठा मिश्रण होगी, जो देश की बढ़ती स्वदेशी क्षमताओं, नारी शक्ति और एक ‘न्यू इंडिया’ के उद्भव को दर्शाती है.
इस बार परेड में 23 झांकियां हिस्सा लेंगी. इनमें 17 झांकियां अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की होंगी, जबकि 6 झांकियां अलग-अलग मंत्रालयों और विभागों की देखने को मिलेंगी. वहीं गृह मंत्रालय की दो झांकियों का प्रदर्शन होगा.
परेड समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाने के साथ होगी. वह शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित करने में देश का नेतृत्व करेंगे. इसके बाद, प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति परेड देखने के लिए कर्तव्य पथ पर सलामी मंच पर जाएंगे.
परंपरा के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा और उसके बाद 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रगान होगा. सबसे पहली बार, 21 तोपों की सलामी 105 मिमी की भारतीय फील्ड गन से दी जाएगी. यह पुरानी 25-पाउंडर बंदूक की जगह लेती है, जो रक्षा क्षेत्र में बढ़ती ‘आत्मनिर्भरता’ को दर्शाती है. 105 हेलीकॉप्टर यूनिट के चार एमआई-17 1वी/वी5 हेलीकॉप्टर कर्तव्य पथ पर मौजूद दर्शकों पर पुष्प वर्षा करेंगे.
परेड की शुरुआत राष्ट्रपति की सलामी लेने के साथ होगी. परेड की कमान परेड कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ, अति विशिष्ट सेवा मेडल, दूसरी पीढ़ी के सेना अधिकारी संभालेंगे. मुख्यालय दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल भवनीश कुमार परेड सेकेंड-इन-कमांड होंगे.