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भारतीय वायुसेना प्रमुख के स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरो’ को मिलेगा पहला राफेल लड़ाकू विमान

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पहला राफेल लड़ाकू विमान भारतीय वायु सेना के ‘गोल्डन एरो’17 स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा, जिसकी कमान 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने संभाली थी.

भारतीय वायुसेना के सूत्रों ने एएनआई को बताया,”राफेल लड़ाकू विमान प्राप्त करने वाली पहली इकाई 17 स्क्वाड्रन होगी जो पहले पंजाब के भठिंडा में स्थित थी और अब इसे हरियाणा के अंबाला में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.”

सूत्रों ने बताया कि लड़ाकू विमान के अन्य स्क्वाड्रन चीन से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में तैनात किए जाएंगे. 17 स्क्वाड्रन पहले मिग -21 का संचालन करते थे.

पहला राफेल सितंबर 2019 में भारतीय वायु सेना को सौंपे जाने की उम्मीद है, लेकिन भारतीय ज़रूरतों के मापदंडों पर इसे परखने के लिए 1,500 घंटे के गहन परीक्षण से गुजरना होगा. इसलिए, चार विमानों के पहले बैच के मई 2020 के आसपास अंबाला पहुंचने की संभावना है.

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सितंबर 2016 में, भारत ने फ्रांसीसी सरकार और डसॉल्ट एविएशन के साथ यूरो 7.8 बिलियन से अधिक के 36 रैफेल फाइटर विमानों का अधिग्रहण करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. यह पूर्वी और पश्चिमी मोर्चों पर तत्काल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनाई गयी योजना के तहत किया गया.

उत्तर प्रदेश के सारस्वत हवाई आड़े पर एक स्क्वाड्रन तैनात करने की योजना को भूमि अधिग्रहण के मुद्दों के कारण सफल रूप नहीं दिया जा सका.