पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने की पुष्टि वाले बयान से यू टर्न ले लिया है.
बुधवार को जारी किए गए ताज़ा बयान में उन्होंने समारोह में अपनी मौजूदगी दर्ज करने से इंकार कर दिया है और इसका कारण उन्होंने भारतीय जनता पार्टी द्वारा पश्चिम बंगाल में मारे गए 54 कार्यकर्ताओं के परिवार को भेजे गए न्योते को बताया.
उन्होंने पीएम मोदी को भेजी चिट्ठी में लिखा,”बधाई, नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी. आपके संवैधानिक आमंत्रण को मैंने स्वीकार कर लिया था और आपके शपथ ग्रहण समारोह में मैं आने को तैयार थी. लेकिन पिछले कुछ समय में मैंने रिपोर्ट्स देखी हैं कि भारतीय जनता पार्टी कह रही है कि उन्होंने भाजपा के उन 54 कार्यकर्ताओं के परिवार को भी न्योता दिया है जिनकी बंगाल में राजनीतिक हत्या कर दी गई है.’
The oath-taking ceremony is an august occasion to celebrate democracy, not one that should be devalued by any political party pic.twitter.com/Mznq0xN11Q
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) May 29, 2019
उन्होंने भाजपा के ‘राजनीतिक हत्या’ वाले तर्क पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह राजनीतिक हत्या का मामला नहीं है बल्कि आपसी रंजिशों और पारिवारिक लड़ाई का मामला है.
उन्होंने आगे लिखा कि वे इस समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगी क्योंकि ये लोकतंत्र का जश्न मनाने का अवसर है ना कि अपने राजनीतिक उद्देश्यों को साधने के लिए किसी एक राजनीतिक दल को नीचा दिखाने का.
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बता दें कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान टीएमसी और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबरे सुर्ख़ियों में थी, जिसमें भाजपा के 54 कार्यकर्ताओं की मौत हो गयी थी. भाजपा ने इन कार्यकर्ताओं को शहीद बताते हुए उन्हें पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आने का न्योता दिया था. ममता बनर्जी ने इन कार्यकर्ताओं को भाजपा द्वारा राजनीतिक हत्या बता शहीद करार देने पर आपत्ति जताई है.
पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में से भाजपा 18 सीटों पर जीतने में कामयाब रही वहीं 2014 में 34 सीटों के मुकाबले टीएमसी इस बार 22 सीटों पर सिमट गयी.