दुनिया के कई देशों में आ चुकी तीसरी लहर और भारत में आने की प्रबल आशंका को लेकर देश के सभी राज्यों ने अपनी कमर कस ली है। इसी क्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि तीसरी लहर से लड़ने के लिए दिल्ली सरकार 5000 हेल्थ असिस्टेंट को ट्रेनिंग देगी जो डॉक्टरों के साथ काम करेंगे।
कोरोना की तीसरी लहर की तैयारियों में बड़े स्तर पर स्वास्थ्यकर्मियों की ज़रूरत होगी, महत्वपूर्ण घोषणा | Press Conference | LIVE https://t.co/89uQtkxiDX
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 16, 2021
क्या कहा केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में –
- केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोचने दी कि दिल्ली को तीसरी लहर से बचाने की तैयारियां चल रही हैं।
- पिछले कुछ दिनों में मैं कई अस्पतालों में गया जहां ऑक्सीजन के प्लांट लगाए जा रहे हैं, ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर की व्यवस्था, ऑक्सीजन स्टोरेज की व्यवस्था के साथ कई तरह की तैयारियां तीसरी लहर को लेकर चल रही हैं।
- राज्य में मेडिकल स्टाफ को लेकर उन्होंने कहा कि बीती लहरों में जिस तरह मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी हुई, वैसी तीसरी लहर में न हो इसके लिए एक योजना बनाई जा रही है।
क्या है योजना ?
मेडिकल स्टाफ के संकट को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बहुत बड़ा और महत्वकांक्षी प्लान बनाया है, जिसमे 5000 हेल्थ असिस्टेंट्स तैयार करने का रोडमैप तैयार किया गया है। बता दे इन्हें टेक्निकल भाषा में कम्यूनिटी नर्सिंग असिस्टेंट्स कहते हैं।
कितने युवाओ को और कैसे दी जाएगी ट्रेनिंग ?
- इस प्लान के मुताबिक 5000 युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी जो दो हफ्ते की होगी।
- यह ट्रेनिंग आईपी यूनिवर्सिटी दिलवाएगी।
- इन लोगों को इसके बाद दिल्ली के नौ मेडिकल इंस्टीट्यूट में बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी।
- ये 5000 ट्रेन्ड असिस्टेंट्स डॉक्टरों और नर्सों के सहायक के रूप में काम करेंगे, निर्णय लेना इनके हाथ में नहीं होगा।
- जो काम इन्हें डॉक्टर देंगे वो काम करेंगे।
- इनको बेसिक नर्सिंग, लाइफ सेविंग, पैरामेडिक, फर्स्ट एड, होम केयर में ट्रेनिंग दी जाएगी।
- बेसिक चीजों की ट्रेनिंग दी जाएगी जैसे ऑक्सीजन कैसे नापते हैं, ब्लड प्रेशर कैसे नापते हैं, वैक्सीन कैसे लगाते हैं, पेशेंट केयर, डायपर चेंज करना, सैंपल कलेक्शन करना, कॉन्संट्रेटर और ऑक्सीजन सिलिंडर कैसे काम करता है, मास्क कैसे लगाना जैसे कामों में ट्रेनिंग दी जाएगी।
- इस तरह के असिस्टेंट होने से डॉक्टर आराम से काम कर सकेंगे और मरीजों की बेहतर देखभाल भी हो सकेगी।
- हम इन पांच हजार लोगों को ट्रेन करके छोड़ देंगे फिर जब इनसे काम पड़ेगा तो इन्हें बुलाया जाएगा। जितने दिन इनसे काम कराया जाएगा उतने दिन की इन्हें सैलरी दी जाएगी।
क्या है प्रक्रिया और कौन कर सकता है ट्रेनिंग-
17 जून से इसके लिए ऑनलाइन आवेदन दिया जा सकता है। 28 जून से ट्रेनिंग शुरू होगी।
500-500 लोगों का बैच होगा जिसकी दो हफ्ते ट्रेनिंग होगी।
इस ट्रेनिंग के लिए 12वीं पास युवा योग्य हैं।
आवेदनकर्ताओं की उम्र 18 वर्ष या उससे ज्यादा होनी चाहिए। पहले आओ पहले पाओ (फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व) के आधार पर ट्रेनिंग होगी।