कोरोना महामारी से जूझ रहे देश की राजधानी दिल्ली के लोगों के लिए शुक्रवार को बड़ी राहत वाली खबर सामने आई है. केंद्र सरकार के दखल के बाद दिल्ली के निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज की दरें घटा दी गईं हैं. दो दिन पहले ही गृह मंत्री अमित शाह ने नीति आयोग के सदस्य के नेतृत्व में एक आयोग का गठन किया था, जिसे दिल्ली के निजी अस्पातलों में आइसोलेशन बेड, बिना वेंटिलेटर सपोर्ट के साथ आईसीयू और वेंटिलेटर सपोर्ट के साथ आईसीयू में कोरोना के इलाज की दर तय करनी थी.
इसके मुताबिक अब प्राइवेट अस्पतालों में 8 से 10 हजार रुपये प्रति दिन में आइसोलेशन बेड मिलेंगे. इसके अलावा 13 से 15 हजार रुपये प्रतिदिन में आईसीयू बिना वेंटीलेटर के मिलेंगे. इसके अलावा 15 से 18 हजार रुपये प्रतिदिन पर आईसीयू वेंटीलेटर के साथ मिलेंगे. पीपीई किट की कीमत शामिल है. बता दें कि पहले निजी अस्पतालों में आइसोलेशन बेड का चार्ज 24-25 हजार रुपये था. वहीं आईसीयू बेड का चार्ज 34-43 हजार के बीच था जबकि आईसीयू वेंटिलेटर के साथ 44-54 हजार रुपये था. ये चार्ज पीपीई किट को छोड़कर लगते थे.साथ ही दिल्ली में कोरोना वायरस टेस्ट के दाम तय कर दिए गए हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा गठित कमेटी के सुझावों के बाद दिल्ली में कोरोना की जांच की कीमत 2,400 रुपए तय कर दी गई है.
Committee has recommended Rs 8000-10000, 13000-15000 & 15000-18000 including PPE costs for isolation bed, ICUs without & with ventilator respectively to all hospitals as compared to the current charges of Rs 24000-25000, 34000-43000 & 44000-54000 (excluding PPE cost): MHA pic.twitter.com/coIxcs4gd4
— ANI (@ANI) June 19, 2020
साथ ही आज देश में कोरोना मरीजों के इलाज और शवों को रख-रखाव पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि वह मरीज की देखभाल की निगरानी सुनिश्चित करने के लिए अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरा लगाने का आदेश पारित कर सकता है. कोर्ट ने राज्यों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि राज्य मरीजों की देखभाल सही से करे.
कोर्ट ने आगे कहा कि सभी राज्यों में कोविड-19 की जांच के शुल्क में समानता होनी चाहिए. यह जिम्मेदारी तय हो. कोर्ट ने कहा, ‘सभी राज्यों को कोविड-19 के मरीजों की उचित देखभाल सुनिश्चित करने के लिए अस्पतालों के निरीक्षण को लेकर विशेषज्ञों की समिति गठित करनी चाहिए.’
आपको बता दे की पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने शवों के साथ हो रहे व्यवहार पर सीजेआई को चिट्ठी लिखी थी. मंत्री ने अपने पत्र में इस मामले पर सुनवाई का दरख्वास्त किया था. कुमार ने अपने पत्र में राइट टू डेथ के बारे में जिक्र करते हुए लिखा था कि अनुच्छेद 21 के तहत सभी नगरिकों को मरने के बाद अंतिम संस्कार का अधिकार होता है. लेकिन कोरोना संकट के दौरान अस्पताल प्रबंधन इसका पालन नहीं कर पा रहे हैं.
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वही गृह मंत्रालय द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार दिल्ली में कोरोना मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए 15-16 जून के बीच 1,77,692 की आबादी के लिए स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया गया. गृह मंत्री के फैसले के बाद कोरोना की जांच के लिए 15-16 जून को दिल्ली में 16,618 नमूने एकत्र किए गए. 14 जून तक 4,000-4,500 नमूनों की जांच हो रही थी.
गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बैठक के दौरान टेस्टिंग दोगुना और फिर तीन गुणा करने की बात कही गई थी. अब कल यानी गुरुवार को दिल्ली में 20 हज़ार के करीब कोरोना टेस्ट हुए हैं, जो अब तक की सबसे ज्यादा टेस्ट क संख्या है. गुरुवार को दिल्ली में जो टेस्ट हुए उनमें 13 हज़ार RT-PCR टेस्ट और 7 हज़ार रैपिड एंटीजेन टेस्ट शामिल हैं.
दिल्ली में कोरोना वायरस (कोविड-19) का संक्रमण पिछले 24 घंटों में कहर बनकर टूटा और रिकॉर्ड 2877 नए मामले सामने आने से कुल संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 50 हजार के करीब पहुंच गया है। इस दौरान कोविड-19 के 65 मरीजों की मौत भी हो गई। दिल्ली सरकार की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 2877 नए मामले सामने आने से कुल संक्रमितों की संख्या 49979 हो गई है। मृतकों की संख्या 65 और बढ़कर 1969 पर पहुंच गई। इस बीच अच्छी बात यह रही कि दिल्ली में गुरुवार को पहली बार एक दिन में रिकॉर्ड 3884 मरीज कोरोना संक्रमण से जंग जीतकर स्वस्थ हो गए। अब तक 21341 लोग कोरोना को शिकस्त दे चुके हैं।