दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कोरोना मरीजों को 5 दिन के लिए अनिवार्य रूप से क्वारेंटीन सेंटर भेजने का अपना फैसला वापस ले लिया है. उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आदेश दिया था कि अब दिल्ली में कोई भी कोरोना पॉजिटिव होगा तो उसको कम से कम 5 दिन क्वारन्टीन सेंटर में जाना अनिवार्य होगा.
उपराज्यपाल ने ट्वीट कर कहा, ‘केवल वैसे कोरोना पॉजिटिव मरीज जिन्हें जांच के बाद अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत तो नहीं है लेकिन उनके पास घर में पृथक रहने की व्यवस्था नहीं है, उन्हें क्वारेंटीन सेंटर जाना होगा.’
Regarding institutional isolation, only those COVID positive cases which do not require hospitalisation on clinical assessment & do not have adequate facilities for home isolation would be required to undergo institutional isolation.
— LG Delhi (@LtGovDelhi) June 20, 2020
आपको बता दे की दिल्ली स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (SDMA) की हाल ही में हुई बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलजी अनिल बैजल के उस आदेश का पुरजोर विरोध किया जिसमे उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आदेश दिया था कि अब दिल्ली में कोई भी कोरोना पॉजिटिव होगा तो उसको कम से कम पांच दिन क्वारंटाइन सेंटर में रहना जरूरी होगा| जिसपर दिल्ली केमुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि जब ICMR पूरे देश में बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन की इजाजत देता है, तो दिल्ली में अलग नियम क्यों लागू किए जा रहे हैं|
वही दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे कोरोनावायरस के मामलों को देखते हुए राज्य सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने अपने अंतर्गत आने वाले सभी हॉस्पिटलों और मेडिकल इंस्टीट्यूशन के स्टाफ की छुट्टियां कैंसल करने का आदेश दिया है. दिल्ली सरकार ने आदेश जारी कर छुट्टी पर गए सभी स्टाफ को तत्काल प्रभाव से ड्यूटी पर वापस रिपोर्ट करने को कहा है. आदेश में कहा गया है कि सिर्फ बहुत आवश्यक परिस्थितियों में ही स्टाफ को छुट्टी दी जाएगी. बता दें कि दिल्ली में कोरोनावायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और यहां संक्रमितों का आंकड़ा 50 हजार के पार पहुंच चुका है.
ये भी पढ़े : कल लगेगा इस साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानें समय और ख़ास बातें
सरकार ने मौजूदा परिस्थियों को देखते हुए आईसीयू इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने का निर्देश दिया गया है| इसी को लेकर हुई बैठक में आईसीयू में काम करने वाले लोगों की कमी की बात सामने आई| जिसके मद्देनजर फैसला हुआ कि दिल्ली के सभी पीजी मेडिकल इंस्टीट्यूट के एमडी/एमएस/डीएनबी ग्रेजुएट डॉक्टर तत्काल प्रभाव से अगले 6 महीने के लिए कोरोना अस्पतालों में काम करेंगे. इसी तरह, पीजी नर्सिंग और अंडर ग्रेजुएट नर्सिंग स्टूडेंट्स अगले 6 महीने के लिए कोरोना अस्पतालों में आईसीयू डयूटी में लगाए जाएंगे|