प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका ‘टाइम’ ने अपने नवीनतम संस्करण में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने कवर पेज पर जगह दी, लेकिन उनकी तस्वीर के साथ लिखे विवादित शब्दों के कारण पत्रिका का यह संस्करण सुर्खियों में छाया हुआ है.
पत्रिका के कवर पेज पर ही पीएम मोदी को ‘इंडिया के डिवाइडर इन चीफ’ की उपाधि दी गयी है. इसके साथ ही पत्रिका के प्रमुख लेख, जिसका शीर्षक है “Can the World’s Largest Democracy Endure Another Five Years of a Modi Government?”, में मोदी सरकार के पिछले पांच सालों के कार्यकाल का विश्लेषण किया गया है.
TIME’s new international cover: Can the world’s largest democracy endure another five years of a Modi government? https://t.co/oIbmacH9MS pic.twitter.com/IqJFeEaaNW
— TIME (@TIME) May 9, 2019
पत्रिका में मोदी सरकार के कामकाज पर टिपण्णी करते हुए आतिश तासीर नाम के पत्रकार ने लिखा कि मौजूदा सरकार ने पिछले पांच सालों में कभी हिन्दू मुसलामानों के बीच आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने की इच्छा व्यक्त नहीं की. इसके साथ ही पत्रिका में लिखे आलेख ने मोदी सरकार पर जातिगत, सांप्रदायिक और धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया.
कांग्रेस मुक्त भारत बनाने के मोदी सरकार के दावे पर भी चोट करते हुए कहा गया कि उन्होंने नेहरू जैसे महान राजनितिक हस्तियों पर भी कटाक्ष कर उन्हें नीचे दिखाने की कोशिश की है.
इस आलेख में 1984 के सिख दंगों और 2002 के गुजरात दंगों का भी ज़िक्र है, जिसके अनुसार 1984 में सिख दंगों के दौरान कांग्रेस की प्रतिक्रिया 2002 में भाजपा की गैर ज़िम्मेदाराना प्रतिक्रिया से बेहतर थी. इसके अलावा लेख में गौ हत्या को लेकर हुई मोब लिंचिंग की घटनाओं का भी ज़िक्र है. कहा गया है कि गौरक्षा की आड़ में मोदी सरकार ने मुसलमानों को निशाना बनाया है.
मोदी सरकार के कार्यकाल की आलोचना करते हुए लेख में लिखा गया कि मोदी सरकार 2014 में किये अपने वादों को निभाने में विफल रही, इसी कारण उन्होंने जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने के लिए धार्मिक राष्ट्रवाद का माहौल तैयार करना शुरु कर दिया.
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अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका ‘टाइम’ को पहली बार पीएम मोदी की आलोचनात्मक भूमिका में देखा गया है, जब उसमें सवाल पूछा गया कि क्या देश मोदी सरकार को अगले 5 सालों के लिए फिर से झेल पाएगा.
इससे पहले पत्रिका ने 2012 और 2015 में भी पीएम मोदी को अपने कवर पेज पर जगह दी थी. इसके अलावा उन्हें 2014, 2015 और 2015 में सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में भी स्थान दिया था.