सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक सरकारी जनहित याचिका पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के फैसले पर उससे सफाई मांगी है.
न्यायपालिका की याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा है कि दिल्ली के 1028 सरकारी स्कूलों की सभी कक्षाओं में कुल मिलाकर 1.5 लाख कैमरों की स्थापना और फुटेज की लाइव स्ट्रीमिंग से बच्चों पर मनोवैज्ञानिक दबाव पड़ेगा। इसके अलावा, उन्होंने गोपनीयता के मुद्दों का भी हवाला दिया।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की खंडपीठ ने छह सप्ताह के भीतर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है.
इसके अलावा, पीठ ने सरकार के फैसले पर रोक के लिए अंतरिम आदेश पारित करने से भी इंकार कर दिया है.
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दिल्ली सरकार ने इस योजना के लिए 385.85 करोड़ रुपए का बजट तय किया था. इस योजना के तहत विद्यार्थियों के माता- पिता एक निर्धारित आईडी पासवर्ड लेकर अपने बच्चों को कक्षा में पढ़ते हुए देख पाएंगे. ये सीसीटीवी शौचालय को छोड़ कर, कक्षाओं और खुले मैदानों में लगाए जाएंगे. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.