गृह मंत्रालय ने कश्मीर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीएपीएफ समेत अन्य बलों की अतिरिक्त 100 कंपनियों को तैनात करने का आदेश दिया है. इसके तहत जम्मू -कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी.
मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश में कहा गया था कि इससे सीआई ग्रेड को मजबूती मिलेगी. इसके साथ ही आदेश में कहा गया था कि अतिरिक्त सुरक्षा जवान भेजने से जम्मू- कश्मीर की कानून- व्यवस्था को बनाए रखने में मदद मिलेगी.
आदेश के अनुसार, इन 100 कंपनियों में सीआरपीएफ की 50, बीएसएफ-10, एसएसबी-30 और आईटीबीपी की 10 कंपनियां है.
गृह मंत्रालय के जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश के बाद सियासी जगत से भी प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गयी है.
जम्मू- कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सरकार के इस आदेश का कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद राज्य के लोगों के मन में डर पैदा हो गया है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा,’घाटी में अतिरिक्त 10,000 सैनिकों को तैनात करने के केंद्र के फैसले ने लोगों में भय मनोविकृति पैदा की है. कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है. जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जिसे सैन्य तरीकों से हल नहीं किया जा सकता है। भारत सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार और सुधार करना होगा.’
Centre’s decision to deploy additional 10,000 troops to the valley has created fear psychosis amongst people. There is no dearth of security forces in Kashmir. J&K is a political problem which won’t be solved by military means. GOI needs to rethink & overhaul its policy.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) July 27, 2019
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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल बिना किसी पूर्व जानकारी के घाटी के दौरे पर श्रीनगर पहुंचे हैं. पिछले दो दिनों से डोभाल सेना के अलग-अलग अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं.
ये पहला अवसर नहीं है जब सरकार ने इस तरह का आदेश जारी किया है.
इससे पहले भी इस साल फरवरी में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों को जम्मू- कश्मीर में भेजा गया था. सरकार ने उस वक्त इस बात का हवाला दिया था कि लोकसभा चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया गया है. इसके साथ ही अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर भी 40 हजार अतिरिक्त सुरक्षा जवानों को राज्य में भेजा गया था.