कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण इस साल संसद के शीतकालीन सत्र यानी Winter Session का आयोजन नहीं किया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी और बताया कि कई दलों के नेताओं से चर्चा के बाद आम राय बनी थी कि सत्र नहीं बुलाया जाना चाहिए।
कोरोना की वजह से लिया गया फैसला।
दरअसल देश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार ने ऐलान किया है कि कोविड-19 के कारण इस बार संसद के शीतकालीन सत्र का आयोजन नहीं किया जाएगा।
जनवरी में बजट सत्र का आयोजन।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के मुताबिक, ‘कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए शीतकालीन सत्र (Winter Session) के पक्ष में कोई नहीं था। इसके बाद अब सीधे जनवरी में बजट सत्र बुलाया जाएगा.’। गौरतलब है कि पिछले साल 31 जनवरी से बजट सत्र शुरू हुआ था, जबकि 2018 में बजट सत्र की शुरुआत 28 जनवरी से हुई थी।
अधीर रंजन चौधरी ने लगाया था आरोप – संसद में किसान आंदोलन जैसे सवालों से बच रही है सरकार।
इससे पहले कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर संसद के शीतकालीन सत्र को शुरू करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि भले ही शीतकालीन सत्र कुछ ही दिनों के लिए ही हो। इतना ही नहीं अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार संसद में किसान आंदोलन जैसे मुद्दे पर सवालों से भागने की कोशिश कर रही है।
फिर प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस नेता को दिया जवाब।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के पत्र और आरोपों के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक पत्र लिखा और कहा कि इस बार कोरोना महामारी की वजह से शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं किया जा सकता है और अब अगले साल जनवरी में बजट सत्र का आयोजन होगा। उनका कहना है कि कोरोना के कारण मानसून सत्र सितंबर में शुरू हुआ था और कई जरूरी प्रोटोकॉल भी फॉलो करने पड़े थे। हाल में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण स्थिति फिर से गंभीर हुई है और दिल्ली में भी मामले बढ़े हैं।