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अपनी मांगों को लेकर AIIMS में नर्सें बैठीं अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, अब नर्स संघ की हड़ताल से मरीज़ों की बढ़ी परेशानी

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देश के सबसे बड़े अस्पताल दिल्ली स्थित AIIMS में सोमवार दोपहर बाद से 5000 नर्सें हड़ताल पर चली गई हैं। सबसे पहले बता दे हड़ताली नर्सों में महिला और पुरुष दोनों शामिल हैं और इसी वजह से अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से चरमरा गई हैं। कोरोना काल में नर्सों के हड़ताल ने परेशानी और बढ़ा दी है। इधर मरीज परेशान हो रहे हैं और कई वार्ड में मरीजों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। नर्सों कि हड़ताल का असर और प्रभाव अब दिखने भी लगा है।

क्या है मांगें ?

वैसे तो नर्सों की मांगें काफी है लेकिन उनकी प्रमुख मांगों में 6ठे वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करना यानी छठे केंद्रीय वेतन आयोग की अनुशंसा को लागू करना है। दरअसल इससे नर्सों का वेतन बढ़ेगा। इसके अलावा संविदा पर नर्सों की बहाली को रोकना, नर्सों के लिए आवास की व्यवस्था रोके जाने का मुद्दा भी शामिल है.।

संविदा पर बहाली हो बंद।

हड़ताल पर गए नर्सों का कहना है संविदा पर नर्सों की नियुक्ति बंद होनी चाहिए। नर्सों ने मांग की है कि उनकी बहाली पक्की हो, ताकि वे भविष्य की चिंता किए बगैर मरीजों की सेवा कर सकें।

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नर्सिंग सुविधाओं की आउटसोर्सिंग पर लगे रोक।

इन मांगों के अलावा एम्स के नर्स अस्पताल में नर्सिंग सुविधाओं की आउटसोर्सिंग पर रोक चाहते हैं। उनका कहना है कि जो नर्स एम्स इलाज के लिए आते हैं इन्हें बाहरी लोगों के भरोसे छोड़ देना ठीक नहीं है। सरकार को इस पर रोक लगाना चाहिए क्युकी अभी भी जब नर्स हड़ताल पर हैं तो भी एम्स प्रशासन ने बाहर से लोगों को बुला लिया है।

नर्सों की हड़ताल से मरीजों को परेशानी।

हड़ताल के बाद कैसे चल रहा है एम्स का काम ?

इतनी बड़ी संख्या में नर्सों के हड़ताल पर जाने के बाद मरीजों को स्वास्थय सेवा के लिए लाले पड़ रहे है। जिसके बाद हालत को सुधारने के लिए एम्स ने रिसर्च प्रोजेक्ट में लगे कर्मचारियों और टेक्नीशियन को तैनात किया है। यही नहीं आख़िरी साल के नर्सिंग स्टू़डेंट्स से भी मदद ली जा रही है और उन्हें ड्यूटी पर बुलाया गया है। जिन मरीज़ों की प्लान्ड सर्जरी है, उनको कुछ समय के लिए डिस्चार्ज कर दिया गया है , इतना ही नहीं इमरजेंसी सेवाओं का समय कम कर दिया गया है वही कोविड वार्ड में कॉन्ट्रैक्ट पर नर्सों को बुलाया गया है।

नर्सों ने ये भी लगाया आरोप।

इधर नर्सिंग अधिकारी ने कहा है कि हमने एम्स प्रशासन को एक महीने पहले से नोटिस दिया हुआ है​, फिर भी हमें मिलने के लिए नहीं बुलाया गया। हमसे बात करने की भी कोशिश नहीं की और मंत्रालय के द्वारा डराया-धमकाया जा रहा है। हमारे पास हड़ताल के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

क्या कहना है एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया का।

इस हड़ताल के बीच एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने एक वीडियो संदेश में महामारी के समय में हड़ताल को ‘‘अनुपयुक्त एवं दुर्भाग्यपूर्ण” करार दिया। उन्होंने एक भावुक संदेश में कहा, ‘‘मैं सभी नर्सों और नर्सिंग अधिकारियों से अपील करता हूं कि वे हड़ताल पर नहीं जाएं और जहां तक नर्सों की बात है उनके संदर्भ में हमारी गरिमा को शर्मिंदा नहीं करें.” उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं आप सभी से अपील करता हूं कि वापस आएं और काम करें और इस महामारी से निपटने में हमारा सहयोग करें.” ।

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