उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राज्यपाल राम नाईक से उनके मंत्रिमंडल में पिछड़ा वर्ग कल्याण-दिव्यांग जन कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को बर्खास्त करने की सिफारिश के बाद, राज्यपाल ने उनकी इस सिफारिश का स्वागत किया.
ओमप्रकाश राजभर के साथ साथ उनके बेटे अरविंद राजभर को भी निगम अध्यक्ष के पद से निष्कासित कर दिया गया है. इसके अलावा ओमप्रकाश राजभर द्वारा जिन नेताओं को राज्य में मंत्री पदों पर रखा गया है या जिनकी सिफारिश ओपी राजभर ने की थी, उन सभी मंत्रियों को तत्काल प्रभाव से उनके पदों से हटा दिया गया है.
7 members of Suheldev Bhartiya Samaj Party including OP Rajbhar's son Arvind Rajbhar also dismissed from their services in committees set up by Uttar Pradesh Government with immediate effect
— NewsMobile (@NewsMobileIndia) May 20, 2019
ओपी राजभर को निष्कासित करने के पीछे का कारण भारतीय जनता पार्टी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ उनकी लगातार बयानबाज़ी को बताया जा रहा है. योगी सरकार में मंत्री होने के बावजूद भी वो काफी समय से भाजपा और योगी आदित्यनाथ के खिलाफ टिप्पणियां करते रहे हैं.
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लोकसभा चुनाव शुरू होने से पहले भी ओपी राजभर ने पिछड़ा वर्ग कल्याण-दिव्यांग जन कल्याण मंत्रालय छोड़ने की मांग की थी, लेकिन उस समय उनका इस्तीफ़ा स्वीकार नहीं किया गया था. अब चुनाव के आखिरी चरण के समाप्त होने के बाद योगी आदित्यनाथ का ये कदम सामने आया है.
ओपी राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी 2017 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के साथ आई थी.