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एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन पर इस वजह से रोक का सिलसिला जारी, 1 हफ्ते में दुनिया के 12 देशों ने लगाई रोक

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दुनिया भर में कोरोना महामारी के खिलाफ चल रहे टीकाकरण अभियान के बीच ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का इस्तेमाल दुनिया के कई देश कर रहे थे लेकिंन अब इस पर रोक लगाने का सिलसिला लगातार जारी है। खबर के मुताबिक कथित तौर पर पिछले एक हफ्ते के अंदर दुनिया के करीब 12 देशों ने इस पर रोक लगा दी है। इसी सिलसिले को बढ़ावा देते हुए सोमवार को आयरलैंड, थाईलैंड आदि देशों के बाद जर्मनी, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड और स्पेन ने भी इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। दरअसल इन देशों में यह वैक्सीन लगने के बाद ब्लड क्लॉटिंग की शिकायत मिली थीं।

यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी सौंपेगी रिपोर्ट।

इससे पहले सोमवार को जर्मनी, फ्रांस और इटली ने वैक्सीन के इस्तेमाल पर अस्थायी रोक लगा दी थी। आयरलैंड और नीदरलैंड्स ने रविवार को इस टीके पर अस्थाई रोक लगा दी थी। इस बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का कहना है कि उनके देश में भी एहतियातन मंगलवार तक के लिए वैक्सीन पर पाबंदी लगाई गई है। इधर इन सब के बीच यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी वैक्सीन पर अपनी रिपोर्ट जल्द ही देगी।

ब्लड क्लॉटिंग के बाद इन देशों ने लगाईं है रोक।

डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, इटली, बुल्गारिया, रोमानिया, एस्टोनिया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, लातविया और गैर-यूरोपीय संघ (EU) के देश नॉर्वे और आइसलैंड ने भी ब्लड क्लॉटिंग की रिपोर्टों के बाद एहतियातन वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।

क्या दावा है कंपनी का ?

यूरोपीय की मेडिसिन एजेंसी और दूसरी रेगुलेटरी इस बात की जांच कर रहे हैं कि वैक्सीन और खून के थक्के जमने के बीच लिंक के सबूत है या नहीं। इधर एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन का बचाव करते हुए दावा किया कि कंपनी लगातार इसकी सेफ्टी की मॉनिटरिंग कर रही है और अब तक यह पूरी तरह सुरक्षित पाई गई है। कंपनी के चीफ मेडिकल ऑफिसर एन टेलर का कहना है कि यूरोपियन यूनियन और ब्रिटेन में लगभग 1.7 करोड़ लोगों को हमारी वैक्सीन लगाई गई है। उनके डेटा का रिव्यू किया गया है। इसमें वैक्सीन की वजह से ब्लड क्लॉटिंग के कोई सबूत नहीं मिले हैं।

WHO ने कहा- घबराने की जरूरत नहीं।

इन सब के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूरोपीय दवा नियामक ने इस वैक्सीन को सुरक्षित बताया है। उनका दावा है की वैक्सीन पूरी तरह सेफ है।

भारत के टीकाकरण अभियान में शामिल है एस्ट्राजेनेका।

एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड के कोरोना टीके का उत्पादन यानी प्रोडक्शन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रही है और यह भारत में चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान का एक बड़ा हिस्सा है। बता दे देश में इस अभियान के तहत भारत में कोविशील्ड (एस्ट्राजेनेका/ऑक्सफोर्ड) और कोवैक्सिन (भारत बायोटेक) टीका लगाया जा रहा है। अब कुछ यूरोपीय देशों में शिकायत के बाद भारत ने भी इस वैक्सीन को लगाए जाने के बाद संभावित कुप्रभाव की समीक्षा किए जाने का फैसला किया है। हालांकि, ये बात अलग है कि भारत में खून का थक्का जमने का कोई मामला सामने नहीं आया है।

दुनिया में कोरोना के आकड़े।

दुनिया में कुल मरीजों की संख्या 12 करोड़ के पार पहुंच गई है। अभी यह आंकड़ा 12.07 करोड़ से ज्यादा है। बीते 24 घंटे में 3.36 लाख नए संक्रमित मिले हैं। 6 हजार से ज्यादा मरीजों की मौत हुई है। अब तक 9 करोड़ 73 लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमित ठीक हो चुके हैं। 26 लाख 71 हजार से ज्यादा ने जान गंवाई है। दुनियाभर में फिलहाल 2 करोड़ 6 लाख से ज्यादा कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है यानी ये केस एक्टिव केस है।

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