लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के मतदान समाप्त होने के एक दिन बाद और एक्जिट पोल में चुनावी रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन को ख़ास लाभ की भविष्यवाणी किये जाने के बाद, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती से उनके निवास पर मुलाकात की.
यह बैठक एक अन्य क्षेत्रीय नेता टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू द्वारा विपक्षी एकता के प्रयासों की पृष्ठभूमि में हुई है. शनिवार को नायडू ने यूपी की राजधानी में यादव और मायावती दोनों से अलग-अलग मुलाकात की थी.
Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav reaches BSP Chief Mayawati’s residence in Lucknow. (File pic) pic.twitter.com/tSjhNEsVAf
— ANI UP (@ANINewsUP) May 20, 2019
एग्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक महागठबंधन को उत्तर प्रदेश में भाजपा से कई ज़्यादा सीटें मिल रही हैं. बता दें कि 2014 में यूपी में भाजपा ने 80 में से 71 सीटें जीती थीं.
सी वोटर-रिपब्लिक पूर्वानुमान के अनुसार एनडीए को यूपी में 38 सीटें मिल रही यहीं, वहीं सपा-बसपा गठबंधन को 40 सीटों मिलने का अनुमान लगाया गया है, जबकि जन की बात ने कहा कि एनडीए सपा-बसपा गठबंधन की 15-29 के मुकाबले 46-57 सीटें जीत सकती है.
एबीपी न्यूज ने राज्य में भाजपा को बड़ा नुकसान बताया है, जबकि गठबंधन की बड़ी उपलब्धि की भविष्यवाणी करते हुए कहा कि उसे 56 निर्वाचन क्षेत्रों में कामयाबी मिल सकती हैं. भाजपा को 22 सीट मिलने का अनुमान लगाया गया है.
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उसे केवल 22 सीटें मिल सकती हैं जबकि विपक्षी गठबंधन 56 निर्वाचन क्षेत्रों में विजयी हो सकता है.
सपा-बसपा के बीच सीट-बंटवारे के अनुसार, बीएसपी ने 38 सीटों और सपा ने 37 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें तीन सीटें आरएलडी के लिए छोड़ी गयी थी. हालांकि उन्होंने रायबरेली और अमेठी में, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के गढ़ में किसी भी उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारने का फैसला किया था.
2014 के लोकसभा चुनाव में, सपा पांच सीटों पर सफल रही थी, जबकि मायावती की बसपा यूपी में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी.