लेबनान में पेजर ब्लास्ट (Pager Blast) ने कई जिंदगियों को बर्बाद कर दिया. बीते दिन लेबनान में पेजर ब्लास्ट ने करीब 9 लोगों की जान ले ली वहीं करीब 3000 से अधिक लोगों को घायल कर दिया. लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक घायलों में 200 से ज्यादा की हालत गंभीर है.
लेबनान के चरमपंथी संगठन हिजबुल्लाह (Hezbollah) ने पेजर ब्लास्ट के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि इसकी उचित सजा देंगे.
लेबनान की सरकारी एजेंसी के मुताबिक धमाका राजधानी बेरूत से लेकर बाका वैली जैसे इलाकों में हुआ. हिजबुल्लाह के कई टॉप लीडर के मारे जाने या घायल होने की आशंका है. आखिर क्या है पेजर, कैसे एक साथ 1000 से ज्यादा पेजर में ब्लास्ट हुए? समझते हैं
क्या है पेजर, जिसमें हुआ ब्लास्ट?
पेजर एक छोटी कम्युनिकेशन डिवाइस है, जो मैसेजिंग के लिए इस्तेमाल होती है. 80 के दशक तक दुनिया भर में इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल होता था. हालांकि मोबाइल और दूसरी टेक्नोलॉजी के आने के बाद पेजर लगभग खत्म हो गया. आसान भाषा में कहें तो अगर आपको पेजर के जरिए किसी को मैसेज भेजना है तो पहले रिसीवर की रेडियो फ्रीक्वेंसी अपने डिवाइस में सेट करनी होगी और फिर मैसेज भेज सकते हैं. मैसेज उसी यूनिक फ्रीक्वेंसी पर रिसीव होगा. पेजर में कॉलिंग वगैरह की कोई सुविधा नहीं होती है.
पेजर, मोबाइल फोन और दूसरी टेक्नोलॉजी के मुकाबले बहुत सिक्योर माने जाते हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक पेजर में बहुत बेसिक टेक्नोलॉजी यूज होती है और तमाम फिजिकल हार्डवेयर हैं, इसलिए उसको मॉनिटर करना मुश्किल होता है. पेजर से भेजे गए मैसेज को भी ट्रैक करना कठिन काम है, इसीलिए हिजबुल्लाह जैसे संगठन अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए का इस्तेमाल करते हैं.
बता दें कि हिजबुल्लाह जैसे कई आतंकी संगठन और अपराधी अभी भी पेजर का इस्तेमाल करते हैं. क्योंकि यह मोबाइल या दूसरी कम्युनिकेशन डिवाइस के मुकाबले बहुत सुरक्षित माना जाता है और आसानी से पकड़ में नहीं आता है. पेजर रेडियो वेव्स के जरिये ऑपरेट होता है. ऑपरेटर किसी रेडियो फ्रीक्वेंसी पर पेजर से मैसेज भेज सकता है.