विदेश

अमेरिकी अदालतों ने भारत मूल के सुब्रमण्यम वेदम को दी राहत, निर्वासन पर लगाई रोक

अमेरिका की दो अदालतों ने एक 64 वर्षीय भारत मूल के व्यक्ति सुब्रमण्यम “सुबुक” वेदम के निर्वासन (deportation) पर रोक लगा दी है। वेदम करीब 40 साल तक जेल में रहे, लेकिन बाद में उनकी हत्या के मामले में सज़ा को अदालत ने रद्द कर दिया। फिलहाल वे लुइसियाना के एलेक्ज़ेंड्रिया डिटेंशन सेंटर में हिरासत में हैं।

कौन हैं सुब्रमण्यम “सुबुक” वेदम?

सुब्रमण्यम वेदम भारत से शिशु अवस्था में कानूनी तौर पर अमेरिका आए थे और पेंसिल्वेनिया के स्टेट कॉलेज में पले-बढ़े, जहां उनके पिता पेन स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे।

1980 में एक दोस्त की मौत के मामले में उन्हें दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सज़ा दी गई थी। लेकिन इस साल उनकी दोषसिद्धि (conviction) अदालत ने रद्द कर दी। इसके बाद 3 अक्टूबर को उन्हें जेल से रिहा किया गया, लेकिन उसी समय इमिग्रेशन विभाग (ICE) ने उन्हें अपनी हिरासत में ले लिया।

निर्वासन की कार्रवाई क्यों?

यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट (ICE) उन्हें एक पुराने ड्रग केस के कारण देश से बाहर भेजना चाहती है। यह मामला उस समय का है जब वेदम करीब 20 साल के थे, और उन्होंने LSD डिलीवरी (ड्रग से जुड़ा मामला) में नो-कॉन्टेस्ट प्लिया दिया था। उनके वकीलों का कहना है कि 40 साल की गलत कैद, जिसके दौरान उन्होंने कई डिग्रियाँ हासिल कीं और अन्य कैदियों को पढ़ाया, इस पुराने केस से कहीं ज़्यादा अहम है। ICE की प्रवक्ता ट्रिशिया मैक्लॉफलिन ने कहा, “किसी एक दोषसिद्धि को रद्द कर देने से ICE संघीय इमिग्रेशन कानून लागू करने से नहीं रुकेगा।”

अदालत का फैसला

गुरुवार को एक इमिग्रेशन जज ने वेदम के निर्वासन पर रोक लगा दी है, जब तक कि Board of Immigration Appeals यह तय नहीं करता कि केस की दोबारा समीक्षा हो या नहीं। उधर, पेंसिल्वेनिया की जिला अदालत ने भी उसी दिन निर्वासन रोकने का आदेश दिया, लेकिन अब वह मामला इमिग्रेशन कोर्ट के फैसले के कारण होल्ड पर रहेगा।

बहन की प्रतिक्रिया

वेदम की बहन सरस्वती वेदम ने अदालत के फैसले पर राहत जताई। उन्होंने कहा, “हम शुक्रगुज़ार हैं कि दो अलग-अलग जजों ने माना कि सुबु का निर्वासन इस समय अनुचित है, जबकि उनका केस दोबारा खोले जाने की प्रक्रिया जारी है।” उन्होंने आगे कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि इमिग्रेशन बोर्ड भी यही मानेगा कि सुबु का निर्वासन एक और बड़ी नाइंसाफी होगी। उन्होंने 43 साल एक ऐसे अपराध के लिए जेल में बिताए जो उन्होंने किया ही नहीं, और वे नौ महीने की उम्र से ही अमेरिका में रह रहे हैं।”

सुब्रमण्यम वेदम का मामला अमेरिका की न्यायिक व्यवस्था और इमिग्रेशन नीतियों पर कई सवाल उठाता है। अदालत ने भले ही फिलहाल उनके निर्वासन पर रोक लगा दी है, लेकिन उनका भविष्य अभी भी Board of Immigration Appeals के फैसले पर निर्भर करेगा।

Show More

न्यूज़ मोबाइल ब्यूरो

"न्यूज़ मोबाइल हिंदी" एक डिजिटल न्यूज़ प्लेटफ़ॉर्म है जो पाठकों को ताज़ा ख़बरें, गहन विश्लेषण और अपडेट सरल हिंदी में उपलब्ध कराता है। यह राजनीति, खेल, तकनीक, मनोरंजन और बिज़नेस जैसे विषयों पर समाचार प्रस्तुत करता है। साथ ही, इसमें फ़ैक्ट चेक (Fact Check) सेक्शन भी है, जिसके ज़रिए झूठी या भ्रामक ख़बरों की सच्चाई सामने लाकर पाठकों को विश्वसनीय और सही जानकारी दी जाती है। इसका मक़सद है—समाचारों के बीच तथ्य और अफ़वाह में स्पष्ट अंतर दिखाना।
Back to top button