देश के अलग-अलग हिस्सों में 11 नदी निगरानी स्थलों पर पानी का स्तर चेतावनी सीमा से ऊपर पहुंच चुका है। हालांकि, राहत की बात यह है कि अभी तक कोई भी स्थान बाढ़ के खतरे या गंभीर स्थिति में नहीं है। केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने बुधवार को केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से जारी अपने दैनिक बुलेटिन में यह जानकारी दी। बुलेटिन के अनुसार, असम, बिहार, ओडिशा, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के कुल 12 स्थानों पर नदियों का जलस्तर चेतावनी सीमा से ऊपर है। हालांकि ये सभी स्थल अब भी खतरे के निशान से नीचे हैं।
असम में करीमगंज की कुशियारा नदी और जोरहाट के नेमाटीघाट पर ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर चिंता के स्तर के करीब है। बिहार में बलतारा में कोसी, बेनीबाद में बागमती और डुमरियाघाट में गंडक नदी पर नजर रखी जा रही है। उत्तर प्रदेश में फतेहगढ़ और कछला पुल के पास गंगा, एल्गिनब्रिज पर घाघरा और खड्डा में गंडक नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर के करीब है। खड्डा में यह 95 मीटर की सीमा को छू चुका है।
ओडिशा के बालेश्वर जिले में सुबर्णरेखा नदी पर मथानी रोड ब्रिज और राजघाट में जलस्तर चेतावनी सीमा पार कर चुका है। वहीं तमिलनाडु के मुसिरी में कावेरी नदी का स्तर भी चेतावनी से ऊपर है। मानसून के चलते कई राज्यों के बांधों और बैराजों में भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। CWC ने आंध्र प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के 23 प्रमुख बांध और बैराजों के लिए जलप्रवाह का पूर्वानुमान जारी किया है।
कर्नाटक के अलमट्टी, नारायणपुर और तुंगभद्रा बांधों में पानी का बहाव ज्यादा है या स्थिर बना हुआ है। ओडिशा के रेंगाली जलाशय और पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर बैराज में भी पानी बढ़ा है, जिससे नीचे की तरफ बहाव वाले क्षेत्रों को लेकर चेतावनी जारी की गई है। केंद्रीय जल आयोग ने साफ किया है कि मानसून के सक्रिय रहने के बावजूद अब तक किसी भी नदी ने अपने पुराने बाढ़ रिकॉर्ड को नहीं छुआ है और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। हालांकि विभाग लगातार नजर बनाए हुए है।
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