सुप्रीम कोर्ट ने सोनम वांगचुक की पत्नी की याचिका पर केंद्र और लद्दाख प्रशासन से मांगा जवाब

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत में लिए जाने के खिलाफ उनकी पत्नी गीतांजलि जे अंगमो द्वारा दायर याचिका पर केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख प्रशासन से जवाब मांगा है. याचिका में वांगचुक की तत्काल रिहाई की मांग की गई है.
जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की बेंच ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई की. हालांकि, कोर्ट ने वांगचुक की गिरफ्तारी के कारणों की जानकारी उनकी पत्नी को देने का आदेश देने से इनकार कर दिया. अब इस मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी.
याचिका में लगाए गए आरोप
गीतांजलि अंगमो की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि वांगचुक के खिलाफ पाकिस्तान-चीन लिंक का झूठा प्रचार किया जा रहा है, ताकि उनके गांधीवादी आंदोलन को बदनाम किया जा सके. याचिका में दावा किया गया है कि यह प्रयास लोकतांत्रिक असहमति को कलंकित करने की साजिश है.
याचिका में यह भी कहा गया कि वांगचुक ने हमेशा राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए काम किया है और भारतीय सेना की मदद के लिए ऊंचाई वाले क्षेत्रों में शेल्टर जैसी नई तकनीकें विकसित की हैं. पत्नी ने आरोप लगाया कि वांगचुक को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया गया है और न तो उन्हें और न ही परिवार को गिरफ्तारी आदेश की प्रति उपलब्ध कराई गई है, जो संविधान के अनुच्छेद 22(5) का उल्लंघन है.
याचिका में रखी गईं 8 प्रमुख मांगें
- हैबियस कॉर्पस जारी कर वांगचुक को तत्काल कोर्ट में पेश किया जाए.
- पत्नी को पति से फोन और व्यक्तिगत रूप से मिलने की अनुमति दी जाए.
- वांगचुक को दवाइयां, कपड़े और आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई जाएं.
- गिरफ्तारी आदेश और उससे जुड़े सभी दस्तावेज कोर्ट में प्रस्तुत किए जाएं.
- गिरफ्तारी को गैरकानूनी और असंवैधानिक घोषित किया जाए.
- उनकी तत्काल रिहाई का आदेश दिया जाए.
- मेडिकल जांच कर रिपोर्ट कोर्ट में दी जाए.
- हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) और उससे जुड़े छात्रों के उत्पीड़न को रोका जाए.
क्यों हुई गिरफ्तारी?
सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को NSA के तहत हिरासत में लिया गया था. यह कदम उस समय उठाया गया जब लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और उसे छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए. इन प्रदर्शनों में 4 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 90 लोग घायल हुए थे.





